पंचायत चुनाव : तिथि तय न होने से बढ़ी उम्मीदवारों की धड़कन
-सदस्यों को सहेजे रखने में माननीयों के छूट रहे पसीनेधार्मिक स्थल पर ले जाने का खेल भी बिगड़
-सदस्यों को सहेजे रखने में माननीयों के छूट रहे पसीने,धार्मिक स्थल पर ले जाने का खेल भी बिगड़ा
संसू, गोंडा : अभी
जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव की तिथि अघोषित होने से संभावित उम्मीदवारों व उनके आकाओं की मुश्किल बढ़ गई है। सदस्यों को सहेजे रखने के लिए माननीयों को भी मशक्कत करनी पड़ रही है। कोई दूसरे खेमे में न चला जाए इसको लेकर निगरानी बढ़ा दी गई है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्यों को धार्मिक स्थल घुमाने का खेल भी नहीं चल पा रहा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अपनों को बैठाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल के पास पर्याप्त सदस्य नहीं हैं। ऐसे में जोड़तोड़ की राजनीति से ही जीत संभव है। वह चाहे निर्दलों को अपने पाले में लाने की बात या फिर विपक्षी दलों के सदस्यों को रिझाने का कार्य हो। ठीक इसी तरह जिले की 16 क्षेत्र पंचायतों की भी दशा है। एक-दो क्षेत्र पंचायत को छोड़कर कहीं भी ब्लॉक प्रमुख पद पर उम्मीदवारों की जीत मझधार में फंसी है। ऐसे में क्षेत्र पंचायत सदस्यों की निगरानी के साथ उन्हें अपने खेमे में ही रखने के लिए हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। सत्तारूढ़ दल भाजपा की मंशा है कि जिले की सभी क्षेत्र पंचायतों पर उसका ही परचम लहराए लेकिन, विपक्षी व निर्दल उम्मीदवार भी पीछे नहीं हैं। बीते चुनाव में माननीय व उम्मीदवार अपने सदस्यों पर कब्जा जमाए रखने के लिए उन्हें धार्मिक स्थलों के भ्रमण पर भेज देते थे। मतदान के एक दिन पहले ये सभी जिले में मौजूद रहते थे और उनके ही होकर रह जाते थे। इस बार यह खेल भी बिगड़ गया है। अब जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव की तिथि घोषित न होने से संभावित उम्मीदवारों व माननीयों की परेशानी बढ़ गई है।