ऑक्सीजन न रेमडेसिविर इंजेक्शन, तीमारदारों की बढ़ी टेंशन

नगर के श्यामलाल की तबीयत अचानक बिगड़ गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:58 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:58 PM (IST)
ऑक्सीजन न रेमडेसिविर इंजेक्शन, तीमारदारों की बढ़ी टेंशन
ऑक्सीजन न रेमडेसिविर इंजेक्शन, तीमारदारों की बढ़ी टेंशन

गोंडा :

दृश्य-एक नगर के श्यामलाल की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई। उनके भाई अमृतलाल ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सक की सलाह पर श्यामलाल का एक्सरे कराया गया। इसमें उन्हें चेस्ट संक्रमण से ग्रसित पाया गया। चिकित्सक ने उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने के लिए पर्ची लिख दी। नगर की दवा दुकानों पर वह भटकता रहा लेकिन, उसे इंजेक्शन नहीं मिल सका। उसने डीएम कार्यालय पर प्रार्थना पत्र दिया। इसके दो दिन बाद उसे दो वायल मिल सके। अमृतलाल के मुताबिक उसे वायल लेने के लिए दो दिनों तक अधिकारियों के चक्कर काटने पड़े। उसे यहां तक कह दिया गया कि इंजेक्शन कम है। ऐसे में वह स्वयं व्यवस्था करे। दृश्य-दो

- विष्णुपुरी की ज्ञानमती की अचानक तबीयत खराब हो गई। ऑक्सीजन का लेवल 45 पहुंच गया। परिवारजन आनन-फानन में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। दौड़भाग करने के बीच करीब एक घंटे बीत गए लेकिन, उसे ऑक्सीजन नहीं मिल सका। चिकित्सक जब तक व्यवस्था कराते तब तक उसकी मौत हो गई। ये दो मामले बानगी भर हैं। जिले में कोरोना महामारी के पीड़ितों की संख्या में वृद्धि हो रही है। रोकथाम के उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। अस्पताल मरीजों से कराह रहे हैं। ऑक्सीजन की अत्यधिक कमी है। इससे लोगों की सांसें उखड़ रही हैं। यही नहीं, रेमडेसिविर इंजेक्शन भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है। निजी अस्पतालों के चिकित्सक व सरकारी डॉक्टर के लिखने के बाद प्रशासनिक लिखापढ़ी में ही दो से तीन दिन लग जाते हैं। ऐसे में मरीजों की हालत नाजुक हो जाती है। ------------------ - ऑक्सीजन की कमी नहीं है। 12 घंटे का बैकअप रहता है। रेमडेसिविर इंजेक्शन निजी अस्पतालों को देने के लिए प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त हैं। उनके निर्देश पर ही इंजेक्शन दिया जाता है। सरकरी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इंजेक्शन चिकित्सक की सलाह पर मुहैया करा दिया जाता है।

डॉ. राधेश्याम केसरी, सीएमओ

chat bot
आपका साथी