मनीराम को पुत्र तो बच्चों को है पिता का इंतजार
इटियाथोक (गोंडा) : आर्थिक तंगी समेत अन्य समस्याओं से जूझ रहे बुजुर्ग मनीराम को प्रधानमंत्री की घोषणा
इटियाथोक (गोंडा) : आर्थिक तंगी समेत अन्य समस्याओं से जूझ रहे बुजुर्ग मनीराम को प्रधानमंत्री की घोषणा से एक संजीवनी सी मिली है। आस जगी कि उनके बेटे को भी रिहाई की सौगात सजा अवधि के पहले मिल सकती है।
इटियाथोक थाना क्षेत्र के निबिहा परसापुर गांव निवासी मनीराम के पुत्र मुंशीलाल को हत्या के मामले में दस साल की सजा हुई थी। 8 फरवरी 2013 को उसे जेल भेज दिया गया। लोअर कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिली। बाद में उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा को घटाकर दस साल कर दिया। प्रधानमंत्री की घोषणा से इनके घर के लोग अब खुश हो रहे हैं। मनीराम कहते हैं कि बेटे के जेल चले जाने के बाद उनके सभी नाबालिग पुत्रों व पुत्री की जिम्मेदारी उन पर आ गई, जिससे उनके आंखों में दिक्कत आ गयी और इलाज कराना पड़ा। घर की आर्थिक स्थिति भी खराब होती रही, जिससे बच्चों को पढ़ा नहीं पाए। सजा काट रहे मुंशीलाल का बड़ा लड़का राजकुमार खेती करके जीवन यापन करता है। एक बहन थी जिसकी शादी होनी थी। किसी तरह से बैंक से ग्रीन कार्ड बनवाकर उसकी शादी भाई ने की। छोटा भाई अक्षय कुमार परदेश में रहकर घर का खर्च चलाने के लिए नौकरी करता है। अब प्रधानमंत्री की घोषणा से इस परिवार के सदस्यों के मन में आस जगी है कि उसके बेटे से मुलाकात होगी। वहीं घर में रह रहे बेटों व बेटी को उनका पिता लंबे समय के बाद मिल सकेगा।