गबन व धोखाधड़ी के मुकदमों की नए सिरे से तैयार होगी सूची
गोंडा मंडल के चारों जिलों से जुटाई जाएगी जानकारी लंबित विवेचनाओं का होगा निस्तारण।
धनंजय तिवारी, गोंडा : धोखाधड़ी, गबन जैसे मुकदमों का निस्तारण अब समय से हो सकेगा। इसके लिए विवेचना कर रहे उपनिरीक्षकों की कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें उन्हें ऐसे मुकदमों की विवेचना के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं देवीपाटन मंडल में धोखाधड़ी, गबन के मुकदमों की सूची तैयार कराई जा रही है। माना जा रहा है कि सौ से अधिक ऐसे मुकदमे हैं जिनका निस्तारण छह माह बाद भी नहीं हो पाया है।
देवीपाटन परिक्षेत्र के नवागत पुलिस उप महानिरीक्षक उपेंद्र अग्रवाल ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद लंबित विवेचनाओं की सूची तलब की। मंडल में 2100 से अधिक मुकदमे की विवेचना लंबित है। साथ ही डीआइजी ऐसे मुकदमों का ब्योरा तैयार करा रहे हैं जो छह माह बीत जाने के बाद भी निस्तारित नहीं किए जा सके हैं। गबन, धोखाधड़ी जैसे मुकदमों की विवेचना क्यों नहीं पूरी हो पा रही है इसकी भी पड़ताल कराई जाएगी। डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि गबन व धोखाधड़ी के अधिकांश मामले जानकारी के अभाव में विवेचक नहीं पूरी कर पाते हैं। कभी-कभी साक्ष्य संकलन में भी समस्या आती है। ऐसे में विवेचकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें विवेचना में क्या और कैसे करना होगा इसकी सीख दी जाएगी। इसके लिए जल्द ही कार्यक्रम जारी किए जाएंगे। डीआइजी ने कहा कि इसके अलावा महिला संबंधी मामलों की भी जमीनी स्तर पर तहकीकात की जाएगी। कई मामले विवेचना में झूठे पाए जाते हैं। ऐसे में कभी-कभी निर्दोष व्यक्ति फंस जाते हैं। महिला संबंधी शिकायतों की जांच के लिए अलग से टीम बनाई जाएगी। इसमें महिला आरक्षी व उप निरीक्षक शामिल होंगी। पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय मिले और निर्दोषों को सजा न मिले इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।