छह हजार किशोरियों का स्कूल में फिर से होगा प्रवेश
गोंडा परिवार की परिस्थिति या फिर अभिभावकों में शिक्षा को लेकर जागरूकता का अभाव। किश्
गोंडा : परिवार की परिस्थिति या फिर अभिभावकों में शिक्षा को लेकर जागरूकता का अभाव। किशोरियों को स्कूल छुड़वाने के पीछे कई कारण हैं, लेकिन अब फिर से उनका दाखिला कराया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने शारदा स्कूल हर दिन आएं कार्यक्रम के तहत बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सर्वे में चिह्नित बालिकाओं के नामांकन को लेकर कवायद शुरू कर दी है। साथ ही एक जुलाई 2020 को पांच वर्ष की उम्र पूरी कर रहे आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों का भी प्राथमिक स्कूलों में एडमिशन कराया जाएगा।
गत वर्ष बेसिक शिक्षा विभाग ने अभियान चलाकर बालक-बालिकाओं का परिषदीय स्कूलों में दाखिला कराने का दावा किया था। बाद में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सर्वे किया। 16 विकास खंडों में 11 से 14 वर्ष की छह हजार बालिकाओं का एडमिशन नहीं हो पाया था। हालांकि, इनके स्वास्थ्य को लेकर विभाग निगरानी करता रहा। अब फरवरी से शुरू हुए शारदा अभियान में इनको शामिल कर स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा।
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शिक्षक करेंगे दाखिला के लिए प्रोत्साहित :
परिषदीय शिक्षक चिह्नित किशोरियों के घर जाएंगे। बेटी का एडमिशन न कराने के कारणों की पड़ताल करने के साथ ही काउंसिलिंग करेंगे। अभिभावकों को शिक्षा के मामले में बेटी-बेटे में भेद न करने की सीख देकर उन्हें स्कूल भेजने को प्रोत्साहित करेंगे। उनको सरकारी योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी।
बाल विकास विभाग की ओर से चिह्नित किशोरियों का परिषदीय स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा। शारदा कार्यक्रम के तहत शिक्षक इनको स्कूल लाने में जुट गए हैं। एक भी किशोरी शिक्षा से वंचित नहीं रहेगी।
- मनिराम सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी