फिर मडराया बाढ़ का खतरा घाघरा नदी में छोड़ा गया पानी
गोंडा सबसे ज्यादा मुश्किल में होंगे नवाबगंज के तटवर्ती इलाके।
संसू, गोंडा : उत्तराखंड व नेपाल में हो रही बारिश का असर अब जिले में भी दिखाई देने लगा है। नदियों के जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। घाघरा नदी में 4.05 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे तटबंध के किनारे बसे 50 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा फिर बढ़ गया है। सिचाई विभाग ने तटबंध की निगरानी भी बढ़ा दी है।
मंगलवार को अचानक नदियों के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई। दोपहर तक सरयू नदी में करीब चार सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ गया था। नदियों का पानी फिर से बढ़ने के कारण तटवर्ती गांवों के लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं। सबसे ज्यादा मुश्किल नवाबगंज में नदी के किनारे बसे लोगों को हो रही है। यहां तटबंध न होने के कारण नदी का पानी खेत-खलिहान से होते हुए घरों तक पहुंच जाता है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से अभी 156 सेंटीमीटर व अयोध्या में सरयू नदी 155 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। गिरिजा, शारदा व सरयू बैराज से 4.05 लाख क्यूसेक पानी घाघरा नदी में छोड़ा गया है। अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्यखंड बीएन शुक्ल ने बताया कि नदियों के जलस्तर में इजाफा हो रहा है। एल्गिन-चरसड़ी व भिखारीपुर-सकरौर तटबंध की निगरानी बढ़ा दी गई है।
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बारिश ने बढ़ाई मुश्किल
- मौसम खराब होने से बारिश का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। सुबह-शाम बारिश होने से लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जलनिकासी का इंतजाम न होने से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। धान की फसलें खराब होने की आशंका जताई जा रही है। करीब 300 गांवों में बिजली आपूर्ति अभी नहीं बहाल हो सकी है। लाल बहादुर शास्त्री कृषि विज्ञान केंद्र गोपालग्राम के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. उपेंद्रनाथ सिंह का कहना है कि बारिश से फसलें बर्बाद हो रही हैं। मौसम गुरुवार से साफ होने की संभावना है।