नेपाल में गमक रही गोंडा के जरबेरा की खुशबू
सहालग में बढ़ी डिमांड रोजगार के खुल गए अवसर
गोंडा : कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो रोजगार के अवसर भी खुल गए। पॉलीहाउस में जरबेरा की खेती करने वाले किसानों की उम्मीदों को सहालग ने चार चांद लगा दिए। गोंडा में तैयार जरबेरा के फूल की खुशबू लखनऊ व दिल्ली में ही नहीं, पड़ोसी मुल्क नेपाल भी पहुंच गई। जिले के व्यापारी फूल अपने वाहन से बलरामपुर के बढ़नी तक पहुंचाते हैं। यहां से फूल नेपाल के व्यवसायी खरीद कर ले जाते हैं। एक एकड़ पॉली हाउस से प्रतिदिन 10-15 हजार रुपये का फूल बिक जाता है।
वैवाहिक कार्यक्रमों में बढ़ी फूल की डिमांड :- वैवाहिक कार्यक्रम व अन्य समारोह में मुख्य रूप से सजावट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला जरबेरा का फूल पांच रंगों का होता है। इसमें लाल, पीला, गुलाबी, सफेद व नारंगी का रंग का फूल शामिल है। इस फूल की डिमांड बढ़ गई है। एक फूल की कीमत आठ से दस रुपये प्रति पीस बताई जा रही है। मोहनुपर के अभिनव सिंह ने बताया कि एक एकड़ में वह जरबेरा की खेती कर रहे हैं। सहालग में फूल की डिमांड बढ़ गई है। एक पेटी में 500 फूल पैक किए जाते हैं।
जिम्मेदार के बोल :
-किसानों की सहायता के लिए सरकार 50 फीसद तक डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) के माध्यम से पॉलीहाउस पर अनुदान भी दे रही है। अनलॉक होने के बाद फूलों के बाजार में किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। उम्मीद है कि इससे किसानों को कोरोना काल के नुकसान की भरपाई भी होगी।
- अनिल शुक्ल, उद्यान निरीक्षक गोंडा