..अब हम हैं सरकार, हमारा हो कोटेदार

पंचायत की नई सरकार चुनने के बाद बढ़ गईं कोटेदारों की शिकायतें अपनों को दुकान दिलाने के लिए गढ़ रहे सियासत

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:35 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:35 PM (IST)
..अब हम हैं सरकार, हमारा हो कोटेदार
..अब हम हैं सरकार, हमारा हो कोटेदार

गोंडा: गांव की नई सरकार चुने जाने के बाद अपनों को कोटेदार बनाने का दौर शुरू हो गया है। नए प्रधानों की मंशा है कि जब उनकी सरकार बन गई है तो उनका चहेता कोटेदार भी हो। इसके लिए सियासत भी शुरू हो गई है। मौजूदा कोटेदारों की शिकायतों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। शिकायत होगी। कमी निकलेगी। दुकान का लाइसेंस निलंबित व निरस्त होगा। इसके बाद अपनों का खुली बैठक में चयन किया जाएगा। यही मंशा है गांव के नए सरकार की।

मौजूदा समय जिले में कुल 1353 राशन की दुकानें हैं। तीन दुकानों का लाइसेंस निलंबित है। जबकि 30 दुकानें निरस्त चल रही हैं। यहां नए कोटेदार का चयन होना है। 540688 पात्र गृहस्थी व 64761 अंत्योदय राशन कार्डधारकों को प्रतिमाह राशन दिया जाता है। इसके लिए औसतन हर माह एक लाख 40 हजार क्विटल गेहूं चावल का आवंटन जिले को होता है।

इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, मिड-डे मील सहित योजनाओं का राशन भी कोटेदारों के माध्यम से दिया जाता है। पंचायत चुनाव के बाद जिन गांवों में नए प्रधान बने या नई ग्राम पंचायत बनी और वहां नए प्रधान हुए। इन सबकी मंशा ये है कि अब उनका चहेता ही कोटेदार हो। इसी को लेकर गांव के समर्थकों से कोटेदार के खिलाफ शिकायतों का दौर शुरू करा दिया है। शिकायतों पर एक नजर

-अप्रैल में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर 194, मई में 241, जून में 131 व जुलाई में 263 कोटेदारों के खिलाफ शिकायतें दर्ज हुई हैं। इसी तरह जिलाधिकारी व अन्य माध्यम से अप्रैल में तीन, मई में 13, जून में 25 व जुलाई में 23 शिकायतें की गईं। शिकायतों की संख्या बढ़ी है, जल्द होगी कार्रवाई

- जिला पूर्ति अधिकारी सुरेंद्र यादव ने बताया कि जो शिकायतें मिलती हैं उनकी जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है। रिक्त दुकानों के चयन की कार्रवाई चल रही है। जल्द ही दुकानों का चयन कर लिया जाएगा। उन्होंने माना कि इधर शिकायतों की संख्या कुछ बढ़ी है।

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