पर्यटन विकास की उम्मीदों से सरयू तीरे की माटी बन गई सोना

-अयोध्या की सीमा से सटे गोंडा के गांवों में जमीन की बढ़ी खरीदारी -लखनऊ बनारस के साथ ही

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 10:15 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 10:15 PM (IST)
पर्यटन विकास की उम्मीदों से सरयू तीरे की माटी बन गई सोना
पर्यटन विकास की उम्मीदों से सरयू तीरे की माटी बन गई सोना

-अयोध्या की सीमा से सटे गोंडा के गांवों में जमीन की बढ़ी खरीदारी

-लखनऊ, बनारस के साथ ही अन्य शहरों के उद्यमियों की टिकी निगाहें वरुण यादव, गोंडा : तरबगंज तहसील में गोंडा-अयोध्या की सीमा पर बसे महेशपुर गांव में बाढ़ की त्रासदी हरसाल आती है। यहां की मिट्टी पर कई माह तक बाढ़ का पानी भरा रहता है। बेमोल अब ये माटी सोना बन गई है। लखनऊ के डालीगंज में रहने वाली अंशू केसरवानी ने पांच बिस्वा जमीन लाखों रुपये देकर खरीदी है। वहीं, बनारस व प्रयागराज के उद्यमियों ने भी सरयू नदी के तीरे बसे गांवों में बैनामा कराया है। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण व गोंडा में पर्यटन के विकास की घोषणा से अब यहां की माटी सोना बन गई है। किसी को रहने के लिए मकान बनाना है तो कोई आधुनिक रेस्टोरेंट व लाज बनाने का सपना देख रहा है।

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आसमान छूने लगी जमीन की कीमत

- अधिवक्ता रमेश नरायन यादव का कहना है कि अयोध्या की सीमा से सटे गांवों में जमीन की कीमतें अब आसमान छूने लगी हैं। जो जमीन 50 हजार रुपये बीघे में भी तीन वर्ष पहले नहीं बिकती थी अब उसकी कीमत 8-10 लाख रुपये हो गई है। अधिवक्ता केशवराम यादव का कहना है कि यहां दूसरे जिले व राज्य के लोग जमीन खरीदने आ रहे हैं।

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पर्यटन की उम्मीदों को लगेंगे चार चांद

- गोंडा में पर्यटन विकास की उम्मीदों को चार चांद लग गए हैं। नदी के तट पर रिवर फ्रंट बनाने के साथ ही घाट व वॉेकिग ट्रैक भी बनाए जाएंगे। पर्यटकों के लिए सराय, गेस्ट हाउस, रेस्टोंरेंट बनाने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण जमीन तलाश रहा है।

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जिम्मेदार के बोल :

अयोध्या के विकास व गोंडा में पर्यटन की संभावनाओं से जमीन की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। गैर जनपद व राज्य के लोगों ने काफी जमीनें बैनामा कराकर छोड़ रखी हैं। अभी भी हर सप्ताह सरयू नदी के तट पर बसे गांवों में दो-चार बैनामे हो रहे हैं।

- सौरभ सिंह, प्रभारी उप निबंधक तरबगंज

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