बहुमत मिला नहीं, इस बार ताकत तय करेगी जिपं अध्यक्ष
जनता की अदालत में किसी को भी नहीं मिला बहुमत सबसे ज्यादा जीते निर्दलीय उम्मीदवार संसू गोंडा
जनता की अदालत में किसी को भी नहीं मिला बहुमत, सबसे ज्यादा जीते निर्दलीय उम्मीदवार
संसू, गोंडा : पंचायत की सबसे बड़ी कुर्सी पर आसीन होने के सपने भले ही कई लोग देख रहे हों लेकिन, कुर्सी तक पहुंचने का सफर इस बार सियासी ताकत पर निर्भर करेगा। वार्ड परिसीमन के बाद जिले में जिला पंचायत के वार्डों की संख्या इस बार 65 है। बहुमत के लिए कम से कम 33 सदस्यों का समर्थन जरूरी है लेकिन, ये आंकड़ा किसी भी एक दल के पास नहीं है। सत्ताधारी दल भाजपा हो या विपक्ष में सपा, किसी को भी बहुमत नहीं मिला है। सबसे ज्यादा इस बार निर्दलीय उम्मीदवार जीतकर आए हैं। फिलहाल, चुनाव टलने की आहट के बीच थोड़ी रफ्तार कम जरूर हुई है। इनसेट
क्या कहते हैं आंकड़े
कुल सीटें-65
भाजपा-17
सपा-21
बसपा:03
कांग्रेस-00
निर्दलीय-24
बागी भी देख रहे हसीन सपने
- राजनैतिक दलों का खेल बिगाड़ने में सबसे बड़ा रोल बागी का रहा है। किसी ने पार्टी से घोषित प्रत्याशी को हराकर खुद जीत दर्ज की तो किसी ने वोट काटकर उसे हरा दिया। ये खेल पचास फीसद सीटों पर खेल गया। पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव जीतकर आए बागी अब बड़ी कुर्सी पर बैठने के हसीन सपने देख रहे हैं। ये स्वाभाविक भी है क्योंकि बिना ताकत के कुर्सी पर कोई काबिज हो नहीं सकता और वह ताकत के बलपर ही मैदान में आए हैं।
निर्दलीयों के लिए खुला अवसर
- किसी भी दल को बहुमत न मिलने से निर्दलीय जीते जिला पंचायत सदस्यों के लिए अवसर का नया द्वार खुल गया है। उनका हालचाल पूछने वाले न सिर्फ बढ़े हैं बल्कि, मेहमान नवाजी भी जमकर हो रही है। हर कोई अपना मकसद पूरा करने के लिए अब अपनी समस्याएं गिनाने लगा है। फिलहाल, चुनाव बाद सभी की समस्या समाधान कराने के आश्वासन दिए जा रहे हैं।