भर पेट भोजन, भरपूर पोषण- दूर करेगा कुपोषण

- कोरोना काल में बदला खानपान का तरीका पौष्टिक आहार पर जोर जंकफूड से दूरी नंदलाल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Jun 2021 09:37 PM (IST) Updated:Sun, 06 Jun 2021 09:37 PM (IST)
भर पेट भोजन, भरपूर पोषण- दूर करेगा कुपोषण
भर पेट भोजन, भरपूर पोषण- दूर करेगा कुपोषण

- कोरोना काल में बदला खानपान का तरीका, पौष्टिक आहार पर जोर, जंकफूड से दूरी नंदलाल तिवारी, गोंडा: कोरोना के संकट में दिनचर्या के साथ ही खानपान का भी तौर तरीका बदला है। पहले जंकफूड पर निर्भर रहने वाले लोग अब पौष्टिक आहार पर जोर दे रहे हैं। बच्चों के भोजन के साथ ही बड़ों की भी थाली का आहार बदल गया है। अब मक्के के साथ ही मोटा अनाज पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। जंकफूड से भी लोगों ने दूरी बना ली है।

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. घनश्याम गुप्ता का कहना है कि छह माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों को अक्सर परिवार के सदस्य अपनी थाली में ही खाना खिलाते हैं। उनके इस लाड़ प्यार से इस बात का ठीक से अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि बच्चे का पेट भरा है अथवा नहीं। इस उम्र में बच्चे चंचल होते हैं और थोड़ा आहार लेने के बाद वह खेलने में व्यस्त हो जाते हैं। इस दौरान परिवार के सदस्य भी ध्यान नहीं देते हैं। दोबारा भूख लगने पर वह मां के दूध पर ही निर्भर रहता है। इसकी वजह से बच्चों को पर्याप्त आहार नहीं मिलता और वह कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में चाहिए कि बच्चों को कटोरी चम्मच से खिलाएं। इससे उसे पर्याप्त मात्रा में आहार मिलता है।

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छह माह के बच्चे को क्या खिलाएं -

- मां के दूध के साथ ऊपरी आहार भी दें। इसके लिए घर का बना हुआ आहार जैसे कद्दू, लौकी, गाजर, पालक, दाल देना चाहिए। बच्चे के खाने में ऊपर से एक चम्मच घी, तेल या मक्खन मिलाएं। बच्चे के खाने मे नमक, चीनी और मसाले कम डालें, खाने को रुचिकर बनाने के लिए अलग-अलग स्वाद व रंग शामिल करना चाहिए।

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कर रहे जागरूक

- मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी ने बताया कि खाद्य पदार्थों की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रयास किया जा रहा है। छापेमारी के साथ ही आमजन को जागरूक किया जा रहा है।

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