कोरोना संक्रमण से बेरोजगारों व विद्यार्थियों के सपनों पर लग रहा ग्रहण
- ग्रामीण अंचलों में नहीं हो पा रही ऑनलाइन पढ़ाई व तैयारी जागरण टीम गोंडा कोरोन
- ग्रामीण अंचलों में नहीं हो पा रही ऑनलाइन पढ़ाई व तैयारी जागरण टीम, गोंडा : कोरोना संक्रमण का संकट एक बार फिर बढ़ता जा रहा है। स्कूल बंद होने पर ऑनलाइन पढ़ाई का सिस्टम ग्रामीण अंचल के छात्र-छात्राओं को मुफीद साबित नहीं हो रहा है। दूसरी तरफ व्यवसायिक कोर्स की डिग्री हासिल कर नौकरी की राह देख रहे नवयुवकों के सपनों को भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। यही नहीं, लॉकडाउन का भय एक बार फिर लोगों को सताने लगा है। कोविड 19 महामारी ने कई युवकों को बेरोजगार भी कर दिया है।
बीटेक की पढ़ाई पूरी कर चुके शहर निवासी संतोष की पीड़ा है कि वर्ष 2019 में उसने इंजीनियरिग की पढ़ाई पूरी की है। वर्ष 2020 में जब उसने नौकरी की तलाश शुरू की तो देश ही नहीं, विदेश में भी कोरोना संक्रमण छा गया। पूरा साल इंतजार में बीत गया। अब उसने फिर नौकरी की तलाश शुरू की थी तो स्थिति फिर भयावह हो उठी है। यही हाल तरबगंज के सजीवन का है। एमबीए की पढ़ाई पूरी कर घर में बैठे हैं। अमृतसर व लुधियाना में एक फैक्ट्री में काम करने वाले भूपेंद्र व अमित बताते हैं कि पिछले वर्ष लॉकडाउन लगने के बाद वह घर आ गए थे। तब से बेरोजगार हैं।
दूसरी तरफ कोरोना संकट काल में स्कूल बंद होने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई व तैयारी का दौर चला। इसमें भी ग्रामीण अंचल के छात्र-छात्राओं को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कभी नेटवर्क समस्या तो कभी बिजली आपूर्ति की चौपट व्यवस्था रहती है।
हलधरमऊ : इंटरमीडिएट के छात्र प्रदीप कुमार यादव का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई में बहुत समस्या है। गांव में अक्सर नेटवर्क नहीं रहता है। पढ़ाई बिल्कुल नहीं हो पा रही है। अमरदीप ओझा का कहना है कि कभी मोबाइल नहीं चार्ज रहती है तो कभी उस में रिचार्ज नहीं रहता है। ऑनलाइन शिक्षा बहुत मुश्किल हो रही है।
अभिभावक गंगाराम यादव का कहना है कि तमाम प्रकार के अभाव के चलते बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। डॉ. जय बनर्जी का कहना है कि बच्चों के ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान तकनीकी दिक्कतें तो आती ही हैं। तमाम बच्चों के समझ में भी नहीं आता है।