रैन बसेरे में पुलिस फरमा रही आराम, तीमारदारों को परेशानी तमाम
रमन मिश्र गोंडा ²श्य एक दोपहर 12 बजे। जिला अस्पताल परिसर में स्थित रैन बसेरे में पुलिस कमी
रमन मिश्र, गोंडा
²श्य एक : दोपहर 12 बजे। जिला अस्पताल परिसर में स्थित रैन बसेरे में पुलिस कर्मी कुर्सियों पर आराम से खर्राटे लेते दिखे। आहट पाते ही पुलिस कर्मी की आंख खुल गई। उसने साथियों को जगा दिया। इसके बाद एक-एक-कर पुलिस कर्मी अस्पताल की तरफ निकल गए। सवाल यह है कि यदि इन्हें सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है तो इनके रहने की व्यवस्था अलग क्यों नहीं की गई। ड्यूटी के दौरान इनकी गतिविधियों पर नजर क्यों नहीं रखी जा रही है। जबकि अस्पताल में मारपीट के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। ²श्य दो : रैन बसेरे के बगल स्थित परिसर में तीमारदार धूप व गंदगी के बीच भोजन करते हुए दिखे। रमजान अली ने बताया कि उसकी बहन को सांस लेने में तकलीफ थी। उसे लेकर आया था। रैन बसेरे में पुलिस कर्मियों के होने के कारण वह वहां नहीं गया। भगीरथ ने बताया कि सबसे अधिक दिक्कत रात में होती है। उन लोगों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारकर अपने सामानों की सुरक्षा करनी पड़ती है। ये दो मामले बानगीभर है। कोरोना संक्रमण की रफ्तार तीन दिनों में भले ही कम हुई हो लेकिन, अस्पताल में मरीजों की भरमार है। तीमारदारों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संक्रमण फैलने की आशंका में तीमारदारों को वार्डों में नहीं जाने दिया जा रहा है। रैन बसेरे की सुविधा तीमारदारों को नहीं मिल पा रही है। यहां रह रहे पुलिसकर्मी तीमारदारों को वहां जाने नहीं देते। बावजूद इसके अधिकारियों की नजर इस गंभीर समस्या की तरफ नहीं जा रही है। जिम्मेदार के बोल - जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. घनश्याम सिंह का कहना है कि रैन बसेरा में तीमारदार नहीं जाते हैं। इसलिए अस्पताल की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को आवंटित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि रैन बसेरा में पर्याप्त जगह है। पुलिस और तीमारदार दोनों वहां रह सकते हैं।