घर के पप्पी को टीका लगवाएं, आवारा आतंक से जिदगी बचाएं

हर माह जिला अस्पताल में 2200 लोगों को लगती है एंटी रैबीज वैक्सीन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 10:32 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:10 AM (IST)
घर के पप्पी को टीका लगवाएं, आवारा आतंक से जिदगी बचाएं
घर के पप्पी को टीका लगवाएं, आवारा आतंक से जिदगी बचाएं

गोंडा: आज रैबीज डे है। रैबीज कुत्ता के काटने से होता है। ऐसे में घर में कुत्ता पालते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है। घर में पाले जा रहे पप्पी का टीकाकरण आवश्यक है जिससे काफी हद तक इस खतरे से बचा जा सकता है। यही नहीं, बाजार में घूम रहे कुत्ते लोगों की परेशानी की वजह बने हुए हैं। ऐसे में सजग रहना जरूरी है।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरएस राठौर का कहना है कि पप्पी को जन्म के तीन माह के भीतर पहला टीका लगवाना चाहिए। इसके छह माह बाद दूसरा टीका लगाया जाय। हर साल एक टीका कुत्ते को लगवाएं। टीकाकरण के लिए हर किसी को सजग होना चाहिए।

चिकित्सक डॉ. टीपी जायसवाल का कहना है कि सावधानी से ही इसका बचाव किया जा सकता है। रैबीज एक ऐसा वायरस है जो आम तौर पर जानवरों के काटने से फैलता है। रैबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से नहीं बल्कि बिल्ली, बंदर के काटने से भी होता है। इसके उपचार को लेकर सतर्कता आवश्यक है। यहां हो रही परेशानी

जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कुत्ता व बंदर के काटने पर लगाई जाने वाली एंटी रैबीज वैक्सीन की उपलब्धता नहीं है। जिसके कारण लोगों को दिक्कत होती है। इन मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल तक का चक्कर काटना पड़ता है। आंकड़ों के मुताबिक हर माह 2200 लोगों को जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन लगाई जा रही है।

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