नहरों में झाड़ी व सिल्ट, किसानों की बढ़ी मुश्किल
गोंडा : वर्षों पहले जिस उम्मीद के साथ नहरों का निर्माण शुरू कराया गया वह आज भी पूरा नहीं हुआ। नहरों
गोंडा : वर्षों पहले जिस उम्मीद के साथ नहरों का निर्माण शुरू कराया गया वह आज भी पूरा नहीं हुआ। नहरों में पानी की जगह झाड़ियां उगी हैं तो कहीं सिल्ट जमा है। इससे किसानों के फसलों की ¨सचाई नहीं हो पा रही है। वहीं कभी-कभी नहरों में अचानक पानी छोड़ दिया जाता है, जिससे फसलें नष्ट हो जाती हैं। पेश है रिपोर्ट।
मसकनवा : चालीस वर्षों से संचालित सरयू नहर परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो सकी। जहां नहरें पूरी भी हैं तो अचानक पानी छोड़े जाने के कारण वह कट जाती है। जिससे फसलें पानी में डूबकर नष्ट हो जाती हैं। जेई हेडक्वॉर्टर ¨सचाई अनुग्रह राय ने बताया कि गैप न भरने के कारण पूरी क्षमता से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। रजबहा व माइनर नहरें भी दुरुस्त नहीं हैं। जिससे ¨सचाई कार्य का शेड्यूल नहीं बन पा रहा है।
बभनजोत : गौरा चौकी, गाजीपुर, पिपरा अदाई, इस्लामपुर, केशव नगर, घारीघाट, कस्बा खास सहित अन्य गांवों में लगभग 10 साल पहले नहरों की खोदाई कर दी गई लेकिन अभी नहरों की खुदाई पूरी तरीके से नहीं हो पाई हैं। जिन किसानों ने अपनी जमीनें दे दीं वह पछता रहे हैं।
बभनान : सूखी पड़ी नहर किसानों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहे है। ¨सचाई के अभाव में फसलें प्रभावित हो रही हैं। ¨सचाई विभाग की उदासीनता किसानों की समस्याओं को बढ़ा रही है। छपिया ब्लॉक में नहरों की सफाई न होने से झाड़-झंखाड़ में तब्दील हो गयी हैं।
जिम्मेदार के बोल
-मनकापुर के उप जिलाधिकारी जेबी ¨सह ने बताया कि जो नहरें पूरी नहीं हैं, उनकी जांच कराई जाएगी। इसके लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा जा रहा है।