गो-आश्रय केंद्र का संचालन नहीं हुआ तो छिन सकती है प्रधानों की कुर्सी

गोंडा तरबगंज तहसील की 15 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को कारण बताओ नोटिस।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:48 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:48 PM (IST)
गो-आश्रय केंद्र का संचालन नहीं हुआ तो छिन सकती है प्रधानों की कुर्सी
गो-आश्रय केंद्र का संचालन नहीं हुआ तो छिन सकती है प्रधानों की कुर्सी

संसू, गोंडा : गांव में लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद गो-आश्रय केंद्र का संचालन नहीं हो पा रहा है। तरबगंज में तो एक भी गो-आश्रय केंद्र का संचालन नहीं हो रहा है। डीएम ने 15 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी की है। यदि 15 दिवस के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो संबंधित प्रधान को बर्खास्त करने की चेतावनी दी गई है।

डीएम मार्कण्डेय शाही ने बताया कि तरबगंज तहसील के बेलसर, वजीरगंज व तरबगंज में गो-आश्रय केंद्र की जांच कराई गई। कहीं केंद्र पर एक भी पशु नहीं थे तो कहीं अव्यवस्था मिली। ग्राम प्रधान व सचिव के रुचि न लेने के कारण सर्द मौसम में गोवंश को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डीएम ने कारण बताओ ने नोटिस जारी की है।

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किस गांव के प्रधान को जारी हुई कारण बताओ नोटिस

- बेलसर ब्लाक की ग्राम पंचायत आदमपुर की प्रधान वंदना, बदलेपुर शिवकुमार, जफरापुर गनी मोहम्मद, ताराडीह भागीरथ, डिकसिर विनय सिंह, गंगरौली चंद्रगोपाल सिंह, सेमरीकला साधना सिंह। वजीरगंज में ग्राम पंचायत अनभुला की प्रधान मालती देवी, मझारा ननकुना, गेडसर खुशीराम, हजरतपुर सुमतताजी। तरबगंज ब्लाक की ग्राम पंचायत चंदीपुर की प्रधान सुंदरपती, बनगांव मंजीत सिंह, विशुनपुर मदन मोहन दुबे व परासपट्टी मझवार के ग्राम प्रधान नेबकू शामिल हैं।

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ये है पंचायतों की जिम्मेदारी

- अस्थायी आश्रय स्थल के लिए गोचर भूमि का प्रबंधन, ग्रामवासियों के सहयोग से गोवंश को आश्रय में लाये जाने की व्यवस्था करना, संरक्षित गोवंश के लिए चारा-दाना, पानी की व्यवस्था करना, संरक्षित गोवंश की समुचित चिकित्सा व्यवस्था, चारा बीज प्रबंधन, सिचाई व्यवस्था, आश्रय स्थल की सुरक्षा, लाइट की व्यवस्था, समस्त संरक्षित गोवंश का लेखा-जोखा, ईयर टैगिग, मृत पशुओं के शव का निस्तारण करना।

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