समायोजन की मांग को लेकर सड़क पर उतरे संविदा कर्मी
समान कार्य का समान वेतन देने की व्यवस्था की जाए।
गोंडा: सेवा प्रदाता के माध्यम से काम कर रहे संविदा कर्मियों ने शनिवार को समायोजन की मांग को लेकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मांगों के समर्थन में आवास विकास कालोनी पहुंचकर सपा नेता सूरज सिंह को ज्ञापन सौंपा।
उप्र पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने संविदा/निविदा कर्मचारियों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को मस्टररोल व्यवस्था के तहत समायोजित किया जाए। समान कार्य का समान वेतन देने की व्यवस्था की जाए। कहा कि मौजूदा सरकार में कर्मचारियों की सुनने वाला कोई नहीं है। जिला मंत्री लाल मोहम्मद ने कहा कि लंबे समय से संविदा कर्मचारी संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार खामोश है। जिला कोषाध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव सरकार का कोई भी जनप्रतिनिधि समस्या सुनने को तैयार नहीं है। बाद में मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। जिला सचिव रमेश त्रिपाठी, गुलाब सिंह आदि मौजूद थे।
लेखपाल को करो बर्खास्त, जल्द कराओ एफआइआर
गोंडा : जांच के बावजूद लेखपाल पर कार्रवाई न होने से नाराज किसानों ने शनिवार को तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। लेखपाल को बर्खास्त करके जल्द एफआइआर न होने पर आरपार के लड़ाई की चेतावनी दी गई है।
भूमिहीन व बाहरी व्यक्तियों को फर्जीवाड़ा करके फसल नुकसान का मुआवजा दिलाने के मामले में किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसान कुलदीप सिंह, राजबली सिंह, चंद्रबली सिंह, विजय सिंह, बलवंत, अर्जुन, बलराम ने बताया कि लेखपाल ने गांव में बिना खतौनी के ही लोगों को बाढ़ में फसल नुकसान दिखाकर मुआवजा बांट दिया। जबकि, पैसा न देने पर पात्र किसानों का नाम सर्वे में छोड़ दिया गया। नायब तहसीलदार की जांच में भी करीब 48 लोग अपात्र पाए गए। इन्हें करीब छह लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है। जांच होने के बावजूद अफसर लेखपाल पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। नायब तहसीलदार भीमचंद ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। जल्द ही एसडीएम को सौंपी जाएगी। एसडीएम कुलदीप सिंह का कहना है कि जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी। रिपोर्ट आते ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।