नुकसान के चलते बीएसएनएल ने बंद कर दिए छह एक्सचेंज
-बीएसएनएल के जिला प्रबंधक एपी सिंह का कहना है कि एक एक्सचेंज से दस से अधिक कनेक्शन होने चाहिए
गोंडा : भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) जिन संसाधनों की बदौलत ग्राहकों को बेहतर सेवाएं दे रहा था। अब वही उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन पर अनावश्यक खर्च हो रहा है। ऐसे में निगम ने जिले के ऐसे छह एक्सचेंज बंद कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि इसे चालू रखने में हर महीने बिजली बिल के साथ ही कर्मचारियों के वेतन व केबल की देखरेख पर लाखों रुपये खर्च हो रहे थे।
बीएसएनएल के जिले में 40 एक्सचेंज थे, जिससे लैंडलाइन फोन सेवा संचालित थी। मोबाइल ने इसकी महत्ता को कम कर दिया। ऐसे में टेलीफोन सुविधा से लोग खुद को दूर करने लगे। हालांकि, अभी इसके ग्राहक हैं और कार्यालयों में टेलीफोन लगे हुए हैं। इनसे जितनी कमाई हो रही है, उससे अधिक एक्सचेंज चलाने में खर्च आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में बीएसएनएल इस स्थिति में नहीं है कि घाटे को सहन कर सके। ऐसे में कटरा शिवदयालगंज, छपिया, हथियागढ़, सालपुर, मुंडेरवा माफी व मछलीगांव के एक्सचेंज बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में अब न तो इस क्षेत्र के लोगों को फोन कनेक्शन मिल सकेगा और न ही क्षेत्र के सरकारी कार्यालय को मिली टेलीफोन सेवा मिल पाएगी। करीब 50 फोन बंद हो गए हैं। 15 और एक्सचेंज बंदी की कगार पर
जहां लैंडलाइन फोन के कनेक्शन कम हुए हैं, ऐसे 15 और एक्सचेंज चिह्नित किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें भी बंद करने की संस्तुति की जा चुकी है। हालांकि, अफसर अभी इस प्रयास में हैं कि कनेक्शन संख्या बढ़ाकर इन्हें बंद होने से रोका जाए। कर्मचारियों के लिए दिक्कत
एक्सचेंज पर एक-एक नियमित व संविदा कर्मचारी नियुक्त थे, जो इसका संचालन करते थे। अब बंद होने के बाद उनके लिए समस्या है। खासकर संविदा वालों को दिक्कत होगी। अब वह कहां जाएंगे। इसको लेकर चिता बढ़ गई है। - एक एक्सचेंज से दस से अधिक कनेक्शन होने चाहिए लेकिन संख्या कम हो गई थी। इसलिए बंद कर दिया गया है।
एपी सिह, जिला प्रबंधक, बीएसएनएल