चुनाव-यहां दल व दिल के बीच उलझे भाजपाई
- जिला पंचायत अध्यक्ष व प्रमुखी को लेकर शुरू हुआ खेल - अपनों को कुर्सी दिलाने के लिए अपनाए जा
- जिला पंचायत अध्यक्ष व प्रमुखी को लेकर शुरू हुआ खेल
- अपनों को कुर्सी दिलाने के लिए अपनाए जा रहे हर हथकंडे
संवादसूत्र, गोंडा : वैसे तो ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव की तिथियां अभी अघोषित हैं लेकिन, सदस्यों को अपने पक्ष में करने के हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि अधिकांश सदस्य उसके पाले में हैं तो कोई पुरानी बातों को याद दिलाकर अपने पाले में लाने का प्रयास कर रहा है।
बात हम केवल भाजपा की करें तो जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उन्हें पार्टी समर्थित जीते 17 सदस्यों के अलावा 16 और सदस्य भी चाहिए। अंदर की बात तो यह है कि अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी के अंदर माननीयों के बीच खींचतान मची है। यह खींचतान सतह पर न आए पार्टी ऐसा प्रयास कर रही है। यदि पार्टी के एक गुट के मनमाफिक जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी का चयन नहीं हुआ तो अंदर ही अंदर खेल सकते हैं। यदि इस गुट के मनमाफिक को कुर्सी की दौड़ में शामिल किया गया तो दूसरा गुट कहीं और गुल खिला सकता है। यही नहीं, भाजपा समर्थित जीते प्रत्याशियों में कुछ ऐसे भी हैं जिनके दिल व दल एक नहीं हो रहे हैं। उनकी चाह पार्टी का एक गुट है तो कुछ के दूसरे माननीय। वैसे एक माननीय तो खुलेआम यह कह चुके हैं कि उनके साथ 65 में से 63 सदस्य हैं। दो का वह समर्थन नहीं लेना चाहते। ऐसे ही जिले के 16 ब्लॉक प्रमुख पद को लेकर भी शह-मात का खेल चल रहा है। ब्लॉक प्रमुख अपने हों इसे लेकर चौपाल लगनी भी शुरू हो गई है।
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ये हैं अहम बिदु - पंचायत चुनाव के परिणाम के बाद जिले में भाजपा की अंतरकलह सतह पर आती दिख रही है।
- पंचायत की सबसे बड़ी कुर्सी जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी के चयन को लेकर भाजपाई उलझ गए हैं। - कारण स्पष्ट है कि भाजपा समर्थित कई जिपं सदस्य का दिल किसी दूसरे खेमे में है और दल कुछ और कह रहा है।
- पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में भी अध्यक्ष के चयन को लेकर मतभेद है। - जिपं अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर कुछ लोग विधानसभा चुनाव को भी रडार पर ले रहे हैं।