कहीं नहीं मिला आक्सीजन..दौड़ता रहा भाई खत्म हो गई बहन
साल भर से मौत से कर रही थी मुकाबला नहीं मिला सिलिडर तो तड़पकर तोड़ा दम संवादसूत्र बलर
साल भर से मौत से कर रही थी मुकाबला, नहीं मिला सिलिडर तो तड़पकर तोड़ा दम
संवादसूत्र, बलरामपुर :
आक्सीजन किल्लत की स्थिति दिनोंदिन भयावह होती जा रही है। गुरुवार को आक्सीजन किल्लत से भगवतीगंज निवासी एक युवती की मौत हो गई। एक साल से वह निजी आक्सीजन गैस के सहारे मौत से जूझ रही थी। तीन दिन पहले निजी प्रयोग के लिए गैस सिलिडर देने पर रोक लग गई। गैस सिलिडर पाने के लिए उसके भाई ने काफी भागदौड़ की, लेकिन कहीं से भी सिलिडर नहीं मिल पाया। आखिरकार बेबस भाई के सामने ही सांसों के लिए बहन ने दम तोड़ दिया। ऐसे ही स्थिति अन्य कई तीमारदारों की है जो आक्सीजन गैस सिलिडर के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। सबसे खराब स्थिति सामान्य अस्पतालों की है। यहां के मरीज व तीमारदार चारों जिलों में दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन कहीं भी आक्सीजन सिलिडर नहीं मिल पा रहा है। सिलिडर के एक निजी व्यवसायी ने बताया कि रोक लगने के बाद अब केवल सरकारी चिकित्सालयों को आक्सीजन सप्लाई दी जा रही है। एक निजी अस्पताल के संचालक का कहना है कि पूरे जिले में कहीं भी आक्सीजन गैस सिलिडर नहीं मिल पा रहा है तो वह फिर कहां से लाएं। मुहमांगे दाम व सिफारिश पर भी नहीं मिल रहा सिलिडर:
संक्रमितों की बढ़ती संख्या व एल टू अस्पताल में भर्ती मरीजों की लगातार मौतों ने स्थिति खतरनाक मोड़ पर पहुंचा दिया है। लोग अस्पताल जाने के बजाय होम आइसोलेट होकर महामारी से लड़ रहे हैं, लेकिन आक्सीजन की किल्लत उनका हौसला तोड़ रही है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. विजय बहादुर सिंह ने बताया कि बेड व आक्सीजन की कोई किल्लत नहीं है। जिस किसी भी होमआइसोलेट को सांस लेने में परेशानी हो वह उन्हें अवगत कराए। जिले में कोई भी निजी कोविड अस्पताल नहीं है, इसलिए निजी चिकित्सालयों को आक्सीजन की सप्लाई नहीं दी जा सकती। अस्पताल संचालकों की जिम्मेदारी है कि वह मरीजों को दवा, आक्सीजन समेत अन्य सुविधाएं दे। इसकी वह कीमत वसूल करते हैं।