टाप-एआरवी का अकाल, मरीज बेहाल
- जिला अस्पताल में भी एआरवी खत्म होने से बढ़ी मुश्किल - सीएचसी पर पहले से ही वैक्सीन का संकट
- जिला अस्पताल में भी एआरवी खत्म होने से बढ़ी मुश्किल
- सीएचसी पर पहले से ही वैक्सीन का संकट, मरीजों को परेशानी
संसू, गोंडा: तरबगंज के ध्रुवराज मंगलवार को अपने पौत्र वैभव को लेकर जिला अस्पताल आए थे। उसे कुत्ते ने काट लिया था। एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) न होने के कारण उन्हें वापस होना पड़ा। इसकी शिकायत उन्होंने जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. पीके मिश्र से की। यही नहीं, मनकापुर की सुमित्रा, मुजेहना की प्रतिमा को भी एआरवी न होने के कारण वापस होना पड़ा।
यह स्थिति मंगलवार को जिला अस्पताल में देखने को मिला। एंटी रैबीज वैक्सीन यहां भी खत्म हो गई हे। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अकेले जिला अस्पताल में ही प्रतिदिन 50 से अधिक मरीजों को एआरवी लगाई जाती थी। दरअसल, जिले के 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पहले से ही एआरवी नहीं है। ऐसे में यहां पर मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। सीएचसी के मरीजों को इसके लिए जिला अस्पताल आना पड़ता था। अब यहां पर भी एआरवी का संकट हो गया। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई।
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व्यवस्था सुधारें जिम्मेदार
- एआरवी न मिलने से वापस हो रहे राम कुमार का कहना था कि अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के लिए प्रयास करना चाहिए। सरकारी अस्पताल में एआरवी की उपलब्धता होनी चाहिए। अधिवक्ता सुरेंद्र मिश्र का कहना है कि जैसे ही एआरवी की मात्रा कम होती, उससे पहले ही उसकी आपूर्ति करा लेनी चाहिए। इससे समस्या नहीं होती।
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जिम्मेदार के बोल
- सीएमओ डॉ. अजय सिंह गौतम ने बताया कि एआरवी की समस्या है। इसके लिए अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, जल्द ही निराकरण कराने का प्रयास किया जा रहा है।