गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव, तटवर्ती क्षेत्रों में दहशत
गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती ग्रामीणों की धुकधुकी बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती ग्रामीणों की धुकधुकी बढ़ गई है। गंगा के जलस्तर में शनिवार को चार सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है। दोपहर दो बजे तक गंगा का जलस्तर 56.530 मीटर रिकार्ड किया गया। अनुमान लगाया जा रहा है गंगा के जलस्तर में अभी बढ़ाव जारी रहेगा। एक दिन पहले आठ सेमी की रफ्तार से गंगा में बढ़ाव था। फिलहाल यह खतरे के निशान 63.105 से काफी नीचे है।
बीते दिनों गंगा के जलस्तर में कई बार बढ़ाव होने के बाद कुछ दिनों से गंगा शांत थीं, लेकिन अचानक दो दिनों से फिर से बढ़ाव शुरू हो गया है। इसके बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में रहने वालों की चिता फिर बढ़ गई है। यदि जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो कुछ दिनों में पलायन की नौबत आ सकती है। केंद्रीय कार्यालय के जल प्रभारी सुरेंद्र ने बताया कि सुबह छह सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था जो अब चार सेमी के हिसाब से चल रहा है। उम्मीद लगाई जा रही है कि अभी बढ़ाव जारी रहेगा। इलाहाबाद एवं वाराणसी में जलस्तर अभी बढ़ रहा है।
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गंगा के वेग से किसान हलकान
मुहम्मदाबाद : गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। लोगों का मानना है कि यदि बाढ़ की नौबत आई तो खेती का काफी नुकसान होगा। जलस्तर बढ़ने से सेमरा गांव के मिश्र बाबा के पीपल के सामने से तट तक आवागमन करने के लिए बनाई जा रही सीढ़ी का निर्माण कार्य बंद हो गया। तटवर्ती लोगों के मुताबिक दो दिनों में गंगा के जलस्तर में करीब डेढ़ मीटर का बढ़ाव हुआ है। जलस्तर बढ़ने से कटान प्रभावित बच्छलपुर, सेमरा, शिवरायकापुरा, रामतुलाई से शेरपुर के बीच रहने वाले लोगों की चिता बढ़ गई है। फिलहाल, जलस्तर काफी नीचे होने से खतरा कम है। बाढ़ आने से व्यापक स्तर पर मिर्च, टमाटर के साथ अरहर, बाजरा आदि की खेती बर्बाद होगी।