वैक्सीन थी, स्टाफ नर्स थीं, नहीं थे टीका लगवाने वाले
जागरण संवाददाता गाजीपुर बुधवार का दिन दोपहर के एक बजे थे। जिला अस्पताल के तीसरे तल पर दोपहर बाद सन्नाटा छा गया था।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : बुधवार का दिन, दोपहर के एक बजे थे। जिला अस्पताल के तीसरे तल पर बनाए गए टीकाकरण केंद्र पर कोविड-19 वैक्सीन थी, सीरिज थी, स्टाफ नर्स थीं और डाक्टर भी थे, लेकिन टीका लगवाने वाले नहीं थे। टीकाकरण केंद्र की पूरी गैलरी जहां पहले टीका लगवाने वाले लोगों की भीड़ रहती थी, वह पूरी तरह खाली थी। एक भी व्यक्ति वहां मौजूद नहीं था। गैलरी से सटे बने टीकाकरण कक्ष में एक पुरुष व एक महिला स्टाफ नर्स ड्यूटी पर तैनात थी। वे टीका लगवाने आने वालों की राह देख रहे थे। फिलहाल खाली थे, ऐसे में आपस में बातचीत कर रहे थे। पास ही कोने में लगे कंप्यूटर पर जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डा. मृत्युंजय दुबे कंप्यूटर पर डाटा ठीक कर रहे थे।
आज केंद्र खाली क्यों है? यह सवाल पूछने पर स्टाफ नर्स अनीता ने बताया कि सुबह से 62 लोग टीका लगवा चुके हैं। फिलहाल कोई नहीं है। सबूत के तौर पर उन्होंने रजिस्टर भी पेश कर दिया, जिस पर टीका लगवाने वाले 62 लोगों के नाम दर्ज थे। पास में बैठे पुरुष स्टाफ नर्स बृजबिहारी ने बताया कि जब से ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य हुआ है, टीका लगवाने वाले कम आ रहे हैं। पहले प्रतिदिन 150-200 लोगों को टीका लगता था, अब घटकर प्रतिदिन 80-100 हो गया है। यह हाल केवल जिला अस्पताल वाले केंद्र का ही नहीं, बल्कि जिला महिला अस्पताल सहित जिले के सभी केद्रों का है। सरकार ने जब से पहले ऑनलाइन पंजीकरण, फिर टीकाकरण व्यवस्था लागू की है, के ंद्रों पर कोविड-19 टीका लगवाने वालों की संख्या कम हो गई है। पहले केंद्रों पर लाइन लगती थी, लेकिन अब दोपहर बाद टीका लगाने वाले स्टाफ लोगों की राह देख रहे हैं।
पिछले सोमवार से सरकार ने टीका लगवाने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद से टीका के ंद्रों पर लोगों की संख्या कम हुई है।
- डा. उमेश कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी।