कागजी खानापूर्ति के खेल से गांवों में वीएचएसएनसी फेल
स्वास्थ्य विभाग में कागजी खानापूर्ति के खेल से ग्र्रामीण क्षेत्रों में होने वाले दवा छिड़काव की व्यवस्था पूरी तरह फ्लाप हो चुकी है। यही नहीं स्वास्थ्य संबंधित सामग्री खरीदने के नाम पर भी लाखों रुपये डकारने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है। नालियों में ब्लीचिग पाउडर छिड़काव समेत
जासं, गाजीपुर : स्वास्थ्य विभाग में कागजी खानापूर्ति के खेल से ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले दवा छिड़काव की व्यवस्था पूरी तरह फ्लाप हो चुकी है। यही नहीं स्वास्थ्य संबंधित सामग्री खरीदने के नाम पर भी लाखों रुपये डकारने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है। नालियों में ब्लीचिग पाउडर छिड़काव समेत स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर संसाधन मुहैया कराने के नाम पर प्रतिवर्ष ग्राम प्रधान व आशा के संयुक्त खाते में जाने वाली धनराशि की जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। जबकि इस कार्य के लिए ग्रामसभा की क्रियाशील खातों में महकमे की ओर से ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) के तहत छह-छह माह पर दो किस्तों में दस हजार रुपये उपलब्ध कराए जाते हैं।
इस वित्तीय वर्ष ग्रामसभा के 1264 खातों में प्रथम किस्त के रूप में 63 लाख 20 हजार रुपये भेजे जा चुके हैं। जबकि अधिकांश गांवों में दवा व ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव अब तक हुआ ही नहीं है। इसके अलावा सीएचसी, पीएचसी, न्यू पीएचसी व स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर स्वास्थ्य संबंधित सामग्री खरीदा ही नहीं गया है। यही नहीं पंचायत स्तर पर ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठक भी नहीं होती है। ऐसी स्थिति में संक्रामक रोग से बचाने व साफ-सफाई के लिए शासन के तमाम उपायों व योजनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है। इस संबंध में सीएमओ डा. जीसी मौर्या ने बताया कि ब्लाक स्तरीय हो रही मानीटरिग की रिपोर्ट जांच करने के साथ ही एसीएमओ से भी जांच कराई जाएगी। अगर इसमें लापरवाही मिलती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भी भेजा जाएगा।
ब्लाक स्तरीय मानीटरिग का दावा फ्लाप
: जिले के बाराचवर ब्लाक के विभिन्न गांवों में 93, भदौरा में 42, गोड़ऊर 60, बिरनो 70, देवकली 106, जखनियां 115, करंडा 55, कासिमाबाद 72, मनिहारी 112, मरदह 63, मिर्जापुर 88, मुहम्मदाबाद 65, रेवतीपुर 45, सैदपुर 99, सुभाखरपुर 93 व जमानियां ब्लाक के विभिन्न गांवों के 86 खातों में ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) के तहत भेजी गई धनराशि की ब्लाक स्तरीय मानीटरिग करने का दावा तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जाता है। जबकि मानीटरिग तो दूर इसकी जानकारी तक उच्चाधिकारियों को नहीं है।
केस स्टडी
अलावलपुर निवासी मनीष राय ने बताया कि लगातार बारिश होने से गांव में जगह-जगह जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते मच्छरों की ऐसी भरमार हो चुकी है कि संक्रामक रोग का खतरा बढ़ चुका है। ग्राम प्रधान व सचिव से दवा छिड़काव के लिए कई बार में कहा गया तो पहले उन्होंने ग्राम पंचायत खाते में इससे संबंधित कोई धनराशि नहीं मिलने की बात कही। जब उन्हें ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति द्वारा मिलने वाली धनराशि की याद दिलाई। तब जाकर जल्द ही दवा, ब्लीचिग पाउडर व मशीन खरीदने का दावा किया गया, लेकिन एक माह बीत गए स्थिति जस की तस बनी हुई है।