बघरी व नरियांव क्रय केंद्र पर लटक रहे थे ताले

धान का कटोरा क्षेत्र में किसान अपनी उपज बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2020 09:45 PM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2020 09:45 PM (IST)
बघरी व नरियांव क्रय केंद्र पर लटक रहे थे ताले
बघरी व नरियांव क्रय केंद्र पर लटक रहे थे ताले

जागरण संवाददाता, जमानियां (गाजीपुर) : धान का कटोरा क्षेत्र में किसान अपनी उपज बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर हैं। सोमवार को जागरण टीम ने जब अन्नदाताओं के सामने अनाज बेचने में हो रही दिक्कतों की वजह जानने के लिए पड़ताल की तो धान खरीद में प्रशासनिक रोड़ा की सच्चाई सामने आई।

बघरी व नरियांव साधन सहकारी समिति पर बने धान क्रय केंद्रों पर ताला लटक रहे थे। वहीं क्रय-विक्रय समिति जमानियां स्टेशन पर किसानों से धान का तौल नहीं हो रहा था। अगर विभाग इसी तरह मनमानी करता रहा तो न ही धान खरीद का लक्ष्य पूरा होगा और न ही सरकार की मंशा के अनुरूप किसानों को इसका लाभ मिल पाएगा।

जागरण टीम दोपहर 1.45 बजे साधन सहकारी समिति बघरी स्थित धान क्रय केंद्र पर पहुंची तो वहां ताला लटका मिला। मोबाइल फोन के जरिए केंद्र प्रभारी सूरज से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि वह पीसीएफ विभाग की मीटिग में गाजीपुर आए हैं। केंद्र खुला है। अब तक 192 क्विटल धान की खरीद हुई है। इसके बाद टीम 2.05 बजे जमानियां स्टेशन बाजार में क्रय विक्रय समिति स्थित केंद्र पर पहुंची। वहां भी धान का तौल नहीं हो रहा था। केंद्र पर मौजूद चौकीदार भिखारी राय ने बताया कि केंद्र प्रभारी शिवमूरत सिंह यादव पीसीएफ की मीटिग में जिला मुख्यालय गए हैं। अब तक लक्ष्य के सापेक्ष तीन किसानों से 156 क्विटल धान की खरीद हुई है, जबकि लक्ष्य 600 मीट्रिक टन का है। टीम 3.43 बजे नरियांव गांव स्थित साधन सहकारी समिति पर पहुंची वहां भी केंद्र पर ताला लटका मिला। गांव के लोगों ने बताया कि तीन दिन पूर्व धान का तौल हुआ था। लेकिन आज केंद्र बंद है। कई किसान धान लेकर लौट गए हैं। केंद्र प्रभारी की मनमानी से किसान परेशान हैं। केंद्र पर धान तौल के लिए जो किसान टोकन लिए हैं उनको केंद्र प्रभारी द्वारा बोरा लेकर आने को कहा जा रहा है।

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जमानियां तहसील क्षेत्र में 25 धान क्रय केंद्र

तहसील क्षेत्र में खाद्य विभाग के छह केंद्र हैं। इसमें जमानियां, सुहवल, पकड़ी, डेहरिया, देहुढी, डुहिया केंद्र हैं। पीसीएफ के तीन केंद्र हैं जिसमें बघरी, जमानियां स्टेशन, नरियांव में है। एनसीसीएफ की ओर से 10 केंद्र बनाए गए हैं जिसमें धुस्का, तिवारीपुर, लहुवार, जोगियामर, मेदनी चक, ढढनी, करमहरी, दौदही, आलमगंज, अहिमनपुर तथा पीसीयू के दो असांव और बैकुंठपुर तथा यूपी स्टेट एग्रो के चार केंद्र मतसा, गढ़ही, बेटाबर, नरसिंहपुर में बने हैं।

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दोहरी मार झेल रहे किसान

किसानों को एक तरफ प्रशासनिक निष्क्रियता का दंश झेलना पड़ रहा है, दूसरी ओर सेठ-साहूकारों द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है। क्रय केंद्रों पर धान न बिक पाने से परेशान किसान खाद-बीज और घर- गृहस्थी से जुड़े जरूरी काम के लिए कम दाम पर सेठ-साहूकारों को औने-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर हैं।

--------- नहीं मिल रहा टोकन

धान तैयार हो गया है, लेकिन केंद्र पर टोकन नहीं मिल रहा है। इसके चलते धान की बिक्री नहीं रही है। अगर धान क्रय हो जाता तो गेंहू की बोआई के लिए बीज खरीद लिया जाता।

-फोटो-20सी। -राम प्यारे सिंह, बघरी।

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तौल में हो रही मनमानी

सरकार ने धान केंद्र खोल दिया है लेकिन केंद्र प्रभारियों की मनमानी से तौल नहीं हो पा रही है। कई बार केंद्र पर टोकन के लिए गया लेकिन अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया। अब मजबूर होकर बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर हूं।

-फोटो-21सी। -देवेंद्र सिंह, बघरी।

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मजबूर होकर व्यापारी को बेच दिया धान

नरियांव व लहुआर गांव में खुले धान क्रय केंद्र की स्थिति दयनीय हैं। अपना धान तौल कराने के लिए दोनों केंद्र प्रभारियों से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि पहले नरियांव व लहुआर के किसानों का धान तौल होने के बाद पचोखर के किसानों का तौल होगा। सरकारी व्यवस्था से परेशान होकर 80 कुंतल धान को 1500 रुपये की दर व्यापारी को बेच दिया।

-फोटो-22सी। -अमित श्रीवास्तव, पचोखर।

------ वर्जन--

बघरी समिति के सचिव किसानों के कागज को दुरुस्त कराने के लिए जिला मुख्यालय आए थे। नरियांव समिति के सचिव के घर वैवाहिक कार्यक्रम होने के कारण केंद्र पर नहीं गए। दोनों केंद्रों के बारे में जानकारी मिली है। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

- इंद्रेश सिंह, जिला प्रबंधक, पीसीएफ।

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