तीनों भाई-बहनों का हुआ अंतिम संस्कार
जागरण संवाददाता जमानियां (गाजीपुर) लहुआर स्थित ईंट-भट्ठे पर झोपड़ी में बुधवार की रात आग लगने से तीन भार्इ्र बहन झुलस कर मर गए।
जागरण संवाददाता, जमानियां (गाजीपुर) : लहुआर स्थित ईंट-भट्ठे पर झोपड़ी में बुधवार की रात लगी आग से मजदूर बबलू वनवासी के तीनों बच्चों की मौत हा गई थी। शुक्रवार को तीनों का अंतिम संस्कार जिला मुख्यालय गंगा घाट पर किया गया। उनके शव को परिवार के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में प्रवाहित किया गया। इस दौरान पिता बबलू भी नहीं आ सका। वह अपनी झुलसी पत्नी भागीरथी के साथ वाराणसी स्थित अस्पताल में है। वह अभी भी अस्पताल में जिदगी की जंग लड़ रही है।
लहुवार गांव स्थित ईंट-भट्ठा पर बुधवार की रात झोपड़ी में आग लगने से सोए बबलू वनवासी की पुत्री पूजा व पुत्र चंद्रजीत व डमरू जिदा जल गए थे। बच्चों को बचाने में दंपती भी झुलस गए थे। मां भागीरथी का उपचार वाराणसी ट्रामा सेंटर में चल रहा है। गुरुवार की दोपहर बाद इस बड़ी घटना की जानकारी पुलिस प्रशासन को हुई थी। घटना से ईंट-भट्ठा पर सन्नाटा पसरा हुआ है। इस हृदय विदारक घटना से ग्रामीण मर्माहत थे, वहीं तहसीलदार आलोक कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आपदा राहत कोष से पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। ईंट-भट्ठों पर नहीं हैं मजदूरों की रहने की उचित व्यवस्था
- तहसील क्षेत्र में दर्जनों ईट भट्ठे हैं, जहां सैकड़ों प्रवासी मजदूर अपने परिवार संग रहकर मेहनत-मजदूरी करते हैं। बावजूद इसके किसी भी भट्टे पर मजदूरों के रहने का बेहतर इंतजाम नहीं है। प्लास्टिक की शीट और घास-फूस के छप्पर में गुजर-बसर करने को विवश इस वनवासी के पास रहने का बेहतर प्रबंध रहा होता तो शायद उसकी दुनिया न उजड़ी होती। क्षेत्र के दर्जनों ईंट-भट्ठों पर हाड़-तोड़ मेहनत कर रहे सैकड़ों मजदूर बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। मजदूरों के कठिन परिश्रम से लाखों का मुनाफा कमाने वाले ईंट भट्ठा मालिकों ने भी इनको बेहतर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की बजाय भगवान भरोसे छोड़ कर रखा है। ऐसे में मजदूरों के लिए बेहतर जीवन जीना एक सपना ही है।