रबी की बोआई के लिए नहीं होगी डीएपी की कमी
रबी की बोआई के लिए जनपद के किसानों को डीएपी की कमी नहीं होगी।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : रबी की बोआई के लिए जनपद के किसानों को डीएपी की कमी नहीं होगी। संबंधित विभाग द्वारा उन्हें पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध कराई जाएगी। कृषि विभाग को रबी के सीजन में कुल 27 हजार एमटी डीएपी वितरित करने का लक्ष्य मिला है। इसमें से 30 नवंबर तक 15 हजार 814 एमटी डीएपी वितरत की जा चुकी है। जल्द ही डीएपी की और रैक लगने वाली है। किसान रबी की बोआई के लिए अपनी आवश्यकतानुसार डीएपी की खरीद क्रय केंद्रों से आधार कार्ड, खतौनी साथ ले जाकर कर सकते हैं। जनपद में साधन सहकारी के 164, औद्यानिक समिति के 10 व निजी विक्रेताओं के 800 केंद्रों से किसानों को उरर्वक वितरण किया जा रहा है।
किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। यूरिया, डीएपी, एनपीके और एसएसपी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। वहीं खाद की कालाबाजारी न हो सके इसके लिए कृषि विभाग की तरफ से टीम गठित की गई हैं। विक्रेताओं को प्रिट रेट पर ही खाद बेचने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लंघन करने पर कार्रवाई तय है। जिला कृषि अधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि रबी के सीजन की फसलों के लिए शासन से एक अक्टूबर से 31 मार्च तक खाद उपलब्ध कराया जाता है। इसके बीच में किसान रबी फसल के साथ ही सब्जी की खेती भी कर लेते हैं। इस वर्ष रबी सीजन में जिले को 57 हजार मीट्रिक टन यूरिया मिलने का लक्ष्य है। इसके सापेक्ष अब तक 17 हजार 29 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। इसी तरह डीएपी का लक्ष्य 27 हजार मीट्रिक टन लक्ष्य है। इसके सापेक्ष 16 हजार 635 मीट्रिक टन से अधिक डीएपी की उपलब्धता है। इससे मसूर, गेहूं, मटर, चना सहित अन्य रबी की फसल की बोआई के लिए डीएपी की उपलब्धता पर्याप्त बताई जा रही है। वहीं एनपीके 27 सौ मीट्रिक टन के सापेक्ष 16 सौ 38 मीट्रिक टन उपलब्ध है।
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खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए टीम गठित की गई है। कहीं प्रिट से अधिक दाम लेकर खाद बिक्री की जा रही है तो शिकायत करें, संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
- मृत्युंजय कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी।