आक्सीजन की न कोई आस, कैसे तीसरी लहर में चलेगी सांस

जागरण संवाददाता सैदपुर (गाजीपुर) वैश्विक महामारी कोरोना से हर कोई हर कोई भयभीत हैं। वहीं सैदपुर सीएचसी का हाल बेहाल है क्योंकि वहां कोई सुविधा नहीं 8ै।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 09:49 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:49 PM (IST)
आक्सीजन की न कोई आस, कैसे तीसरी लहर में चलेगी सांस
आक्सीजन की न कोई आस, कैसे तीसरी लहर में चलेगी सांस

जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर) : वैश्विक महामारी कोरोना से हर कोई हर कोई भयभीत है। दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया है। बावजूद इसके तीसरी लहर से निपटने के लिए शासन-प्रशासन की तैयारी कुछ खास नहीं दिख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही 30 शैय्या के अस्पताल को 50 बेड के अस्पताल में तब्दील करने की बात कही जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आक्सीजन प्लांट की तैयारी की गई है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आक्सीजन की कोई खास व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कैसे तीसरी लहर में सांस चलेगी अहम सवाल है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीसरी लहर को लेकर और भी कोई अतिरिक्त तैयारी नहीं शुरू की गई है।

गाजीपुर जनपद के अलावा चंदौली, वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर के सीमावर्ती गांवों के लोग सैदपुर सीएचसी पर इलाज कराने के लिए आते हैं। करीब तीन लाख की आबादी यहां से नियंत्रित होती है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। क्षेत्रीय जनता की मांग पर ब्लाक मुख्यालय में बने वर्षों पहले बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 30 बेड की सुविधा है। आक्सीजन सुविधा के नाम पर मात्र छह आक्सीजन सिलेंडर हैं। इनका लाभ मरीजों को बमुश्किल मिल पाता है। अस्पताल में रखे बेड पर चादर प्रतिदिन नहीं बदले जाते। सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं रहती है। मुख्य भवन के पश्चिम तरफ की नालियां बजबजाती रहती हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती है। यहां मरीजों का इलाज होता है, लेकिन सुविधाओं का अभाव होने से परेशानी होती है।

- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगा नलकूप वर्षों पहले से खराब है। कई बार सीएचसी अधीक्षक द्वारा पत्र भेजा गया, लेकिन अब तक नलकूप व पानी की टंकी की स्थापना नहीं हो सकी। एकमात्र सबमर्सिबल के भरोसे पूरी पेयजल सुविधा है। सीएचसी परिसर में लगा वाटर प्यूरिफायर भी खराब है।मरीजों को पेयजल के लिए बोतल का पानी खरीदना पड़ता है।

-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बने जन औषधि केंद्र की चिकित्सक अनदेखी करते हैं। वे केंद्र के जीवनरक्षक दवाओं को न लिखकर बाहर के मेडिकल पर उपलब्ध दवाएं लिखते हैं जिससे मरीजों का आर्थिक शोषण होता है।

एक्सरे व रक्त जांच की सुविधा

- सीएचसी पर एक्सरे व रक्त जांच की सुविधा उपलब्ध है। एक्सरे बिजली रहने पर होता है। लाइट नहीं रहने पर बाहर जाकर कराना पड़ता है। रक्त जांच यहां उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार किया जाता है।

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स्वीकृत पद और तैनाती

-चिकित्सक पद छह, तैनाती छह

-दंत चिकित्सक पद एक, तैनाती एक

-लैब टेक्नीशियन- पद तीन, तैनाती तीन

-एक्सरे टेक्नीशियन- पद एक, तैनाती एक

-स्टाफ नर्स- पद पांच, तैनाती चार

-फार्मासिस्ट- पद तीन, तैनात तीन

-वाहन चालक- पद एक, तैनाती एक

-वार्ड ब्वाय- पद दो, तैनाती दो

-वरिष्ठ लिपिक- पद दो, तैनाती दो

-वार्ड आया- पद दो, तैनाती दो (जिला चिकित्सालय अटैच)

-डार्क रूम सहायक- पद एक, तैनाती शून्य

बेड बढ़ाने का नहीं आया निर्देश:

- 30 शैय्या का अस्पताल है। बेड बढ़ाने के लिए अब तक कोई निर्देश नहीं है। सरकारी स्तर पर आक्सीजन प्लांट स्थापना के लिए भी कोई बात नहीं हुई है। विधायक सुभाष पासी के प्रतिनिधि आशू दुबे आए थे और विधायक निधि से आक्सीजन प्लांट स्थापित करवाने की बात कर रहे थे। हालांकि अभी इस दिशा में कुछ हुआ नहीं है।

-संजीव सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, सैदपुर।

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