सात दिन बाद महिला को मिला न्याय, ससुर समेत दो गिरफ्तार

घर में प्रवेश के लिए बच्चों संग ससुराल के चौखट पर धरने बैठी विवाहिता साधना को रविवार की रात न्याय मिल गया। मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी मंसाराम वर्मा व थानाध्यक्ष जय श्याम शुक्ला उसे घर में प्रवेश कराए। साथ ही विरोध कर रहे ससुर सुचित चौहान व हीरा चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Feb 2019 06:41 PM (IST) Updated:Mon, 25 Feb 2019 10:18 PM (IST)
सात दिन बाद महिला को मिला न्याय, ससुर समेत दो गिरफ्तार
सात दिन बाद महिला को मिला न्याय, ससुर समेत दो गिरफ्तार

जासं, कासिमाबाद (गाजीपुर) : घर में प्रवेश के लिए बच्चों संग ससुराल की चौखट पर धरने पर बैठी विवाहिता साधना को रविवार की रात न्याय मिल गया। मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी मंसाराम वर्मा व थानाध्यक्ष जय श्याम शुक्ला ने उसे घर में प्रवेश कराया। साथ ही विरोध कर रहे ससुर सुचित चौहान व हीरा चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

मरदह थाना क्षेत्र के हैदगंज की साधना चौहान की शादी 10 वर्ष पूर्व महुवारी गांव निवासी प्रमोद चौहान से हुई थी। शादी के दो साल बाद पुत्री काजल का जन्म हुआ। इसके बाद आंचल हुई। आरोप है कि बेटे की चाहत रखने वाले ससुराल के लोग तीसरी बेटी कृति का जन्म होते ही तरह-तरह के दोषारोपण करने लगे। इतना ही नहीं, 26 अक्टूबर को दुबई से घर लौटे उसके पति प्रमोद ने उसके चरित्र पर सवाल उठाते हुए मारपीट कर घर से भी निकाल दिया। ससुरालवालों के इस कृत्य के बाद साधना न्याय के लिए इधर-उधर भटकने लगी। 22 दिसंबर को महिला प्रकोष्ठ में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। न्याय नहीं मिलता देख वह सात दिन पूर्व तीनों बच्चियों संग धरने पर बैठ गई थी। सात दिन क्यों लग गए चौखट की दहलीज पर : देर से ही सही लेकिन पीड़िता को न्याय तो मिला। स्थानीय लोगों के अनुसार इसमें सात दिन का समय लग जाने के पीछे जिम्मेदारों की उदासीनता है। महिला को तीन बच्चियों के साथ ससुराल की चौखट पर सात दिन धरना देना पड़ा। इतने दिन में किन-किन हालातों से गुजरना पड़ा होगा इसका शायद संगदिल प्रशासन को अंदाजा भी न हो।

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