बंद हुई कंपनी तो घर लौटने लगे परदेशी
कोरोना की दूसरी लहर ने फिर से डराना शुरू कर दिया है। का
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : कोरोना की दूसरी लहर ने फिर से डराना शुरू कर दिया है। काफी तेजी से फैल रहे संक्रमण के चलते बड़े शहरों में संचालित हो रहीं कपंनियां फिर से बंद होने लगी हैं। इसका असर यहां से नौकरी करने गए जिले के परदेशियों पर पड़ रहा है। वह अपने घर लौटने लगे हैं। उन्हें भय सता रहा है कि कहीं पिछले वर्ष जैसा फिर से न लॉकडाउन लग जाए, और पैदल घर जाना पड़े। वहां से लौटना भी किसी मुसीबत से कम नहीं है। एक तो ट्रेनें बहुत कम चल रही हैं, ऊपर से उसमें जनरल बोगी नहीं लगी है। रिजर्वेशन जल्दी मिल नहीं रहा है। जिले में ऐसे कई युवा हैं पिछले एक सप्ताह में बड़े शहरों से घर लौटे हैं।
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फैक्ट्री बंद होने से गहराया संकट
सादात : स्थानीय नगर के वार्ड दो निवासी तीन युवक रूद्रसेन राजभर, अजय राजभर व सुनील राजभर रविवार को मुबंई से अपने घर दादर एक्सप्रेस से लौटे। तीनों युवक निजी कंम्पनी मे कार्यरत थे। कोरोना के चलते मुंबई मे सब कुछ ठप होने व फैक्ट्री वगैरह पर ताला लगने के कारण वहां से लोग ज्यादा लौट कर रहे हैं। वैसे तो सुनील की इसी माह में शादी है। अपनी शादी के लिए वह आया है लेकिन मोहल्ले का साथी रूद्रसेन व अजय की कंपनी बंद होने से अपने घर आने मे भलाई समझे। अजय ने बताया कि कोरोना के चलते बहुत सारे लोग मुबंई से लौट रहे हैं, जिनमें ज्यादातर पूर्वांचल क्षेत्र के लोग हैं। रूद्रसेन ने कहा कि कोरोना का कहर देखकर बाहर कितनी परेशानी है, उसे शब्दों में नहीं बता सकते हैं। फैक्ट्री, बाजार, माल, दुकान आदि बंद होने से वहां बड़ी ही स्थिति खराब है। बताया की हम लोग स्थिति को भापंकर पहले ही ट्रेन का टिकट निकाल लिए थे अन्यथा इस समय तो उधर से ट्रेन मे आना किसी जंग से कम नहीं हैं।
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भाई के विवाह में आया शामिल होने
सैदपुर : शादी में शामिल होने के लिए मुंबई से घर आए सियावां गांव निवासी सुनील गिरि ने बताया कि ट्रेनों में इस समय काफी भीड़भाड़ हो रही है। कहा कि घर पर भाई की शादी में शामिल होने के लिए आना पड़ा। ट्रेन का कंफर्म टिकट जल्दी नहीं मिल रहा था। जैसे-तैसे टिकट कंफर्म कराया गया। यहां आने पर जांच कराकर ही घर गया।