विभागीय भ्रष्टाचार की कहानी कह रहा धराशायी छज्जा

सलेमपुर बघाई गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के शौचालय का धराशायी छज्जा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 09:08 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 09:08 PM (IST)
विभागीय भ्रष्टाचार की कहानी कह रहा धराशायी छज्जा
विभागीय भ्रष्टाचार की कहानी कह रहा धराशायी छज्जा

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : सलेमपुर बघाई गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के शौचालय का धराशायी छज्जा विभागीय भ्रष्टाचार की कहानी बयां कर रहा है। ठेकेदार बने हेडमास्टर ने ग्राम प्रधान से मिलकर घटिया निर्माण सामग्री से 2005 में इस विद्यालय का निर्माण कराया। निर्माण का हाल यह रहा है कि शौचालय की दीवार से छज्जे की सरिया ज्वाइंट नहीं थीं। वे इतने कमजोर हो गए थे कि एक पांच वर्ष के बालक का वजन भी नहीं बर्दाश्त कर पाए। फिलहाल विभागीय अधिकारी उक्त विद्यालय का पूरा रिकार्ड खंगालने में लगे हुए हैं। इसका निर्माण कराने वाले हेडमास्टर कम ठेकेदार व ग्राम प्रधान का नाम और रिकार्ड ढूंढा जा रहा है।

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डीएम ने जर्जर कमरों को ढहा कर नया बनाने का दिया निर्देश

: शौचालय का छज्जा गिरने से बालक की मौत के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों में खलबली मच गई है। डीएम ने शौचालय का निर्माण कराने वाले के खिलाफ मुकदमा कायम कराने के साथ ही दक्षिणी तरफ स्थित दो के कक्ष के सामने स्थित बरामदे के छत को ध्वस्त कराकर नए सिरे से निर्माण कराने एवं शौचालय के ऊपर लटक रहे पेड़ की डाल को छांटने व चहारदीवारी के आसपास सफाई कराने का निर्देश बीएसए हेमंत राव को दिया। शौचालय के दरवाजे के ऊपर बने छज्जे का डीएम ने बारीकी से निरीक्षण किया तो सरिया न होने पर नाराजगी जताई।

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आदित्य की मौत से भाई-बहन थे अंजान

बहरियाबाद: आदित्य को पीएचसी सादात ले जाए जाने के बाद शाम तक दादी सुखिया देवी व बडे भाई अजय व बड़ी बहन अनीता आदित्य की मौत से अंजान थे। पड़ोस के लोग उन्हें बार-बार यही सांत्वना दे रहे थे कि आदित्य ठीक है और उसका इलाज सादात मे चल रहा है। मां किरता देवी आदित्य के साथ थीं, जो शव से लिपटकर दहाड़े मारकर रो रही थीं। पिता विरेंद्र यादव दो दिन पूर्व बीते रविवार को काम-काज के सिलसिले में गुजरात के लिए रवाना हुए थे और आज पहुंच जाने की सूचना भी स्वजन को दी थी। वह गुजरात की प्राइवेट कंपनी मे वाचमैन का काम करते हैं।

: परिषदीय स्कूल के शौचालय का छज्जा गिरने से हुई बच्चे की मौत बहुत ही दुखद घटना है। पूरे मामले की जांच करने का निर्देश बीएसए को दिया है। जिसने भी इसे बनवाया था, जांच के बाद उस पर कार्रवाई होगी। इसके साथ सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वह बिना नामांकन वाले बच्चों को स्कूल में प्रवेश न करने दें। इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक की होगी। - मंगला प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी।

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