रिपोर्टिंग पुलिस चौकी पर दर्ज नहीं होता मुकदमा

जागरण संवाददाता भदौरा (गाजीपुर) बिहार सीमा एवं कर्मनाशा नदी तट पर ग्राम सभा बारा व उसके

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 09:05 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:05 PM (IST)
रिपोर्टिंग पुलिस चौकी पर दर्ज नहीं होता मुकदमा
रिपोर्टिंग पुलिस चौकी पर दर्ज नहीं होता मुकदमा

जागरण संवाददाता, भदौरा (गाजीपुर) : बिहार सीमा एवं कर्मनाशा नदी तट पर ग्राम सभा बारा व उसके आसपास के क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौकी बनाई गई है। कहने को तो यह रिपोर्टिंग पुलिस चौकी है, लेकिन यहां पर मुकदमे पंजीकृत नहीं किए जाते। अगर किसी को मुकदमा पंजीकृत कराना है तो उसे 8 से 10 किमी दूर गहमर थाने पर जाना होगा।

इस समस्या का मूल कारण सीसीटीएनएस (क्राईम एंड क्रिमिनल ट्रैकिग नेटवर्क सिस्टम) प्रणाली है। इसके लागू होते ही रिपोर्टिंग पुलिस चौकी पर मुकदमा दर्ज होना बंद हो गया। वर्ष 2016 के बाद से यहां पर एक भी मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ है। एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार आमजन को डिजिटल करने का दावा कर रही है तो वहीं रिपोर्टिंग पुलिस चौकी से रिपोर्ट लिखने का अधिकार समाप्त करके हजारों लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दिया है।

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कर्मनाशा पैकेज के तहत स्थापित हुई थी चौकी

1986 में क्षेत्र के देवकली गांव में नक्सलियों ने खूब कहर बरपाया था। 11 लोगों की नृशंस हत्या के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने गहमर थाना क्षेत्र के देवकली गांव में कैंप लगाकर कर्मनाशा पैकेज की घोषणा की थी। कर्मनाशा पैकेज के तहत बारा व देवल में पुलिस चौकी का निर्माण कराकर कर्मनाशा के तटवर्ती गांवों में पुलिस गश्त के लिए बुलेट प्रूफ वाहन, अत्याधुनिक हथियार, सर्च लाइट आदि मुहैया कराना शामिल था। पैकेज के तहत बारा में अस्थाई चौकी का संचालन शुरू हुआ था। 13 वर्षों बाद इसे रिपोर्टिंग पुलिस चौकी का दर्जा प्राप्त हो गया था। तब से इस रिपोर्टिंग पुलिस चौकी के रजिस्टरों पर छोटे से लेकर बड़े जघन्य अपराधों से संबंधित मुकदमे लिखे जाते थे। इससे लोगों को अपनी समस्या से संबंधित अधिकार पाने के लिए कहीं दूर नहीं जाना होता था।

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वर्ष 2016 से बंद है व्यवस्था

- रिपोर्टिंग पुलिस चौकी बारा में मुकदमे लिखने की व्यवस्था वर्ष 2016 तक चलता रहा। जब सीसीटीएनएस (क्राईम क्रिमिनल ट्रेकिग नेटवर्क सिस्टम) प्रणाली लागू हुआ तब से रिपोर्टिंग पुलिस चौकी पर मुकदमा दर्ज होना बंद हो गया। इसके बाद अपराधों व तमाम समस्याओं से जुड़े मुकदमों के लिखे जाने का कार्य गहमर थाने से किया जाने लगा। लगभग 22 वर्षों से चली आ रही व्यवस्था को समाप्त किए जाने से चौकी क्षेत्र के लगभग एक लाख से अधिक की आबादी गाहे - बगाहे इससे प्रभावित होने लगी।

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सेंटर से कितनी है चौकी का कार्य क्षेत्र

-बारा पुलिस चौकी का कार्य क्षेत्र पूरब से लेकर पश्चिम तक करीब छह किमी व उत्तर से दक्षिण तक 10 से 11 किमी तक का है। यह पुलिस चौकी बिहार सीमा पर है। बारा सहित कर्मनाशा के तटवर्ती गांव कुटुबपुर, मगरखाई, हरिकरनपुर, भतौरा, दलपतपुर, रोइनी - कारोबीर गांव बारा पुलिस चौकी क्षेत्र में आता है। इन गांवों के लाखों आबादी के सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इस चौकी के जिम्मे है।

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