रविदास जयंती पर निकाली गई झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा

जागरण संवाददाता गाजीपुर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को संत रविदास की जयंती धूमधाम से मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:25 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:25 PM (IST)
रविदास जयंती पर निकाली गई झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा
रविदास जयंती पर निकाली गई झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को संत रविदास की जयंती धूमधाम से मनाई गई। जगह-जगह भव्य शोभायात्रा निकाली गई। कई झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। स्टेशन रोड स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय पर संत रविदास की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। साथ ही उनके पथ पर चलने के लिए संकल्प लिया गया। इस मौके पर आयोजित गोष्ठी में मंसूर जैदी शंटू, अजय कुमार श्रीवास्तव, डा. जनक कुशवाहा, उषा चतुर्वेदी, अमरनाथ यादव आदि थे।

मुहम्मदाबाद : संत शिरोमणि रविदास की जयंती पर जुलूस निकाला गया। जो नगर के गढ़वा, जफरपुरा, लोका अनुसूचित बस्ती व शाहनिदा से निकलकर तहसील मुख्यालय पर पहुंचा। वहां से शहीद पार्क, तहसील तिराहा, हाटा रोड, केशरी मोड़, बिट्ठल चौराहा, फाटक, फल मंडी, इलाहाबाद बैंक रोड, यूसुफपुर बाजार होते समाप्त हुआ। जुलूस के साथ दाउदपुर से निकाली गई शोभायात्रा भी शामिल हुई। इस दौरान संत रविदास, गौतम बुद्ध व डा. भीमराव आंबेडकर की झांकी सजाई गई थी। इस दौरान युवकों ने करतब प्रस्तुत किए जिसे लोगों ने खूब सराहा। सभासद प्रतिनिधि सत्येंद्र कुमार, लालबहादुर, राहुल कुमार, राकेश कुमार, सुरेश राम आदि थे। भांवरकोल : बलुआ टपे शाहपुर में रविदास जयंती पर उनके जीवन पर आधारित झांकी निकाली गई। शेरपुर, वीरपुर, मच्छटी, सोनाड़ी, मलसा, बेलसड़ी, रेवसड़ा, लोचाइन, दहिनवर, अवथहीं, कनुवान, जलालपुर आदि गांवों में कहीं प्रतिमा तो कहीं संतशिरोमणि रविदास की फोटो रखकर पूजा की गई। हृदयनारायण राम, उदयनारायण राम, सिद्ध नाथ, दिनेश राम आदि थे।

मलसा : क्षेत्र में संत शिरोमणि रविदास की जयंती पर झांकी निकाली गई। जिसमें हाथी, घोड़े पर सवार विभिन्न वेशभूषा में श्रद्धालु आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। भागीरथपुर, डुहिया, ढढ़नी, ताजपुर, मांझा, बेटाबर, ताड़ीघाट, मेदनीपुर, मलसा आदि जगहों से संत शिरोमणि की झांकी निकाली गई।

खानपुर : संत रविदास की जयंती उचौरी, सौना, खानपुर, अमेहता, गोरखा, बेलहरी, भुंवरपुर, नायकडीह, कुसही आदि स्थानों पर श्रद्धापूर्वक मनाई गई।

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