टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण दिलाएगी टीम : राजकुमार पाल

जागरण संवाददाता सैदपुर (गाजीपुर) भारतीय हाकी टीम के खिलाड़ी राजकुमार पाल इन दिनों मेघबरन सिंह स्टेडियम में खुद को और बेहतर बनाने के लिए जी जान से लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:26 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 09:26 PM (IST)
टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण दिलाएगी टीम : राजकुमार पाल
टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण दिलाएगी टीम : राजकुमार पाल

जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर) : भारतीय हाकी टीम के खिलाड़ी राजकुमार पाल इन दिनों करमपुर स्थित मेघबरन सिंह स्टेडियम में खुद को और बेहतर बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। वह सुबह पांच बजे हाकी स्टिक लेकर स्टेडियम में पहुंच रहे हैं और खिलाड़ियों के साथ जमकर पसीना बहा रहे हैं। टोक्यो ओलंपिक टीम में चयनित न हो पाने का राजकुमार को मलाल है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि साथी खिलाड़ी इस बार ओलंपिक में देश को स्वर्ण पदक दिलवाएंगे।

टोक्यो ओलंपिक टीम में चयनित खिलाड़ी ललित उपाध्याय के रूम पार्टनर राजकुमार पाल ने कहा कि हमारी टीम पूरी तरह से तैयार है। ललित उपाध्याय के साथ काफी वक्त बिताने वाले राजकुमार पाल ने भरोसा जताया कि ललित ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करेंगे। राजकुमार करमपुर स्टेडियम में खेलने वाले खिलाड़ियों को हाकी के गुर भी सिखा रहे हैं। एक मई 1998 को करमपुर के साधारण परिवार में जन्मे राजकुमार पाल का चयन भारतीय हाकी टीम में फरवरी 2020 में हुआ था। उन्होंने भारत के लिए अब तक पांच मैच खेले हैं और पांच अभ्यास मैच टीम का भी हिस्सा रहे हैं। उन्होंने भारतीय टीम के लिए तीन गोल किया है। अर्जेंटीना, बेल्जियम व जर्मनी का दौरा कर चुके राजकुमार के भाई जोखन पाल व राजू पाल भी हाकी खेलते हुए खेल कोटा से क्रमश: इंडियन आर्मी व रेलवे सिकंदराबाद में कार्यरत हैं। राजकुमार बचपन से ही हाकी खेल रहे हैं। करमपुर स्टेडियम में उन्होंने हाकी की बारीकियां सीखीं और टीम इंडिया में शामिल हुए।

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- मेघबरन सिंह हाकी स्टेडियम के प्रबंधक तेजबहादुर सिंह का कुछ दिनों पहले कोरोना से निधन हो गया था। उनके देहांत पर भारतीय हाकी टीम के खिलाड़ी ललित उपाध्याय व राजकुमार पाल ने दुख प्रकट किया था। राजकुमार पाल ने कहा कि तेजबहादुर सिंह ने हाकी को नया मुकाम दिया है। गांवों से प्रतिभाएं निखरकर भारतीय टीम तक पहुंच सकीं तो इसमें तेजबहादुर सिंह का अहम योगदान रहा है। उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलता है तो हमें खुशी होगी। टोक्यो ओलंपिक में चयनित हुए ललित उपाध्याय ने भी इस बात की पैरवी की है। उनका कहना है कि तेजबहादुर सिंह ने हाकी को बढ़ावा दिया है वे मरणोपरांत द्रोणाचार्य पुरस्कार के हकदार हैं।

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