कुषाण काल की प्रमुख देवी 'हरीती ' देवी की है एक प्रतिमा

जागरण संवाददाता सादात (गाजीपुर) बीएचयू की पुरातत्व टीम को मिर्जापुर गांव से मिली मूर्ति कुषाण काल की प्रमुख देवी हरीती की है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 09:11 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 09:13 PM (IST)
कुषाण काल की प्रमुख देवी 'हरीती ' देवी की है एक प्रतिमा
कुषाण काल की प्रमुख देवी 'हरीती ' देवी की है एक प्रतिमा

जागरण संवाददाता, सादात (गाजीपुर) : बीएचयू की पुरातत्व टीम को चार दिन पूर्व क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में प्रारंभिक खोज में मिली एक अन्य मूर्ति की पहचान रिसर्च के बाद कुषाण काल की प्रमुख देवी ''हरीती'' देवी के रूप में हुई है। इसे बीएचयू की टीम के अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली के भूतपूर्व महानिदेशक व अयोध्या पुरास्थल के उत्खननखर्ता रहे डा. बीआर मणि ने भी रिसर्च के बाद कुषाण काल की करीब दो हजार साल पुरानी हरीती देवी की मूर्ति बताया है।

प्रो. विनय कुमार ने बताया कि प्रसिद्ध बौद्ध ग्रंथ विनय पिटक में इस देवी का उल्लेख है जो पहले राजगीर में एक राक्षसी थीं तथा दूसरे के बच्चों को मार कर उसका भक्षण कर लेती थीं। भगवान बुद्ध ने इनका हृदय परिवर्तन किया। तब से यह देवी बच्चों की संरक्षिका बन गईं। बताया कि यही देवी गुप्त काल में शीतला माता के नाम से जानी जाती थीं। मिर्जापुर गांव में बीएचयू के पुरातत्व विभाग टीम को आरम्भिक खोज में मिले महत्वपूर्ण वैदिक काल की दुर्लभ मूर्तियों पर प्रमाणिक मुहर लगने के बाद गांव सहित क्षेत्रीय जनता में हर्ष है। लोगों द्वारा ऐसा माना जा रहा है कि यहां पर ढाई तीन हजार साल पहले कोई बड़ी मानव सभ्यता रही होगी और किसी राजा का राजमहल भी रहा होगा।

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आश्चर्यचकित थे पुरातत्व विशेषज्ञ

: चार दिन पूर्व जमखा टीले में खोज के दौरान बीएचयू की पुरातत्व टीम को यहां पर एक अन्य महत्वपूर्ण मिट्टी का छोटा सा टुकड़ा मिला था। इसे पाकर अस्टिटेंट प्रो डा. विनय कुमार खुद अचंभित हो गए थे। इसे 'ब्लैक पाटरी' की संज्ञा देते हुए बताया कि यह जांच की ²ष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह मिट्टी से बना हुआ टुकड़ा है जो एक तरफ काला व दूसरे तरफ सूर्ख लाल है।

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