टेल तक होगी नहरों की सिल्ट सफाई
जिले में टेल तक नहरों की सफाई होगी। नहर सूखने के बाद सफाई कार्य का टेंडर होगा। टेंडर होने के बाद माइनरों की शत-प्रतिशत सफाई होगी। वहीं रजवाहों की आधी यानि जहां जरूरत होगी वहीं की सफाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : जिले में टेल तक नहरों की सफाई होगी। नहर सूखने के बाद सफाई कार्य का टेंडर होगा। टेंडर होने के बाद माइनरों की शत-प्रतिशत सफाई होगी। वहीं रजवाहों की आधी यानि जहां जरूरत होगी वहीं की सफाई की जाएगी।
जिले में नहर सिचाई का प्रमुख साधन है। प्रत्येक वर्ष इसकी सफाई होती है। इसके लिए बाकायदा टेंडर होता है, लेकिन सफाई के नाम पर कोरम पूरा किया जाता है। सिल्ट की सफाई नहीं होने के कारण टेल तक पानी नहीं पहुंच पाता है। इसका खामियाजा संबंधित क्षेत्रों के किसानों को भुगतना पड़ता है। नहरों में सिल्ट सफाई का काम सिचाई विभाग कागजों में करता है। कहीं पर सिल्ट जमा है तो कहीं पर नहरर खरपतवार से पटी है। जमानियां स्थित चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल से करीब 27 किमी लंबी ताड़ीघाट रजवाहा जो उधरनपुर तक जाती है। विभाग द्वारा पूरी क्षमता व समय से पानी नहीं छोड़े जाने से सैकड़ों बीघा फसलों की सिंचाई नहीं हो पाती है। ताड़ीघाट रजवाहा में रबी के समय पूरी क्षमता से पानी छोड़े जाने की मांग की जाती रही है।
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डैमेज का सर्वे करेंगे अवर अभियंता
देवकली खंड प्रथम (200 किमी) एवं सिचाई निर्माण खंड वाराणसी (200किमी) की नहर अभी चल रही है जो करीब एक सप्ताह तक चलेगी । क्षेत्र के किसान इन नहरों से सिचाई पर काफी हद तक निर्भर हैं। इसके अलावा देवकली खंड द्वितीय नहर (544.515 किमी) का संचालन 18 अक्टूबर से बंद हो गया है। इसको सूखने में 15 दिन लगेंगे। नहर सूखने के बाद अवर अभियंता द्वारा डैमेज का सर्वे करेंगे। नहरें अभी चल रही हैं। देवकली खंड प्रथम एवं सिचाई निर्माण खंड वाराणसी को एक सप्ताह बाद बंद किया जाएगा। इसके बाद इसे सूखने में करीब पंद्रह दिन लगेंगे। इसके बाद इसकी साफ-सफाई का काम किया जाएगा। नहर की सफाई के बाद रबी की फसल के लिए पानी छोड़ा जाएगा।
- राजेंद्र प्रसाद, अधिशासी अभियंता, देवकली खंड़ प्रथम।