डाटा में अंतर तो भी प्रमाणित होगा छात्रवृत्ति आवेदन

यदि छात्र-छात्राओं का आधारकार्ड एवं हाईस्कूल अंकपत्र में अंकित डाटा में (नाम व जन्मतिथि) आदि में विभिन्नता है और आनलाइन भरे गए छात्रवृत्ति आवेदन के प्रमाणित होने में अवरोध आ रहा है तो ऐसे छात्रों को शासन ने राहत दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 06:35 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 06:35 AM (IST)
डाटा में अंतर तो भी प्रमाणित होगा छात्रवृत्ति आवेदन
डाटा में अंतर तो भी प्रमाणित होगा छात्रवृत्ति आवेदन

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : यदि छात्र-छात्राओं का आधारकार्ड एवं हाईस्कूल अंकपत्र में अंकित डाटा में (नाम व जन्मतिथि) आदि में विभिन्नता है और आनलाइन भरे गए छात्रवृत्ति आवेदन के प्रमाणित होने में अवरोध आ रहा है तो ऐसे छात्रों को शासन ने राहत दी है। उनके आवेदन पत्र को सबमिट किए जाने के लिए शासन द्वारा आधार प्रमाणीकरण वेरीफिकेशन किए जाने की व्यवस्था प्रदान की गई है। इसके लिए छात्र-छात्राओं को अपना हाईस्कूल अंकपत्र व आधार कार्ड आनलाइन पंजीकरण की हार्डकापी के साथ अपने विद्यालय में शीघ्र जमा करना होगा। इसके तहत छात्र-छात्रा हाईस्कूल का अंकपत्र एवं आधार छात्रवृत्ति ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन आवेदन पत्र के साथ अपने संबंधित संस्था पर जमा करेंगे। जहां से संस्था द्वारा परीक्षण करते हुए इन अभिलेखों को प्रमाणित करते हुए सूचीबद्ध कर संबंधित विभाग को उपलब्ध कराया जायेगा। अब तक यह था कि अगर आधार कार्ड या हाईस्कूल के अंक पत्र में अंकित नाम या डाटा में कोई अंतर है तो वह प्रमाणित नहीं हो पाता था। इसके लिए छात्र-छात्राओं को डाटा संसोधन कराने के लिए कहा जाता, जिसमें महीनों बीत जाते थे, तब तक छात्रवृत्ति आवेदन की तिथि समाप्त हो जाती थी। इसके चलते पात्र होते हुए भी छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे। छात्र-छात्राओं की यह परेशानी देखते हुए शासन ने नियमों में कुछ बदलाव किया। नए नियम से जिले के हजारों छात्र-छात्राओं को काफी राहत मिली है। ------ : बहुत से ऐसे छात्र-छात्राएं हैं जिनके अंकपत्र व आधार कार्ड में नाम या जन्मतिथि में में अंतर है। उनका आवेदन प्रमाणित नहीं हो पा रहा है। ऐसे छात्र-छात्राओं को एक और मौका दिया गया है। वह अपना अंक पत्र व आधार कार्ड आनलाइन आवेदन के प्रिट आउट के साथ अपने विद्यालय में जमा कर दें। विद्यालय के माध्यम से पिछड़ा कल्याण विभाग उनका डाटा प्रमाणित करेगा।

- नरेंद्र विश्वकर्मा, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी।

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