झमाझम बरसात से त्रस्त हुआ जनजीवन
गाजीपुर नगर सहित ग्रामीण इलाके में बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे। ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को किसानों ने धान की नर्सरी की तैयारी तेजी में शुरू कर दी। वहीं नगर में बारिश होने से जगह-जगह जलजमाव के चलते लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
जासं, गाजीपुर : जिले भर में जहां गुरुवार की रात से झमाझम बारिश ने शहरी जनजीवन को बेतरह त्रस्त कर दिया। हालांकि किसान खेती-किसान का काम शुरू कर दिए हैं। खासकर धान की नर्सरी की तैयारी जोरों पर है। वहीं नगर में बारिश होने से जगह-जगह जलजमाव के चलते लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
एक दिन पूर्व गुरुवार को ही आसमान पर बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। देर रात होते ही बादल घने हो गए और बारिश शुरू हो गई। पूरी रात तेज बूंदाबांदी होने से मौसम सुहाना हो गया। बारिश ने नगरपालिका की सफाई की पोल खोल दी। जगह-जगह सड़कों पर पानी लगा रहा। मुहम्मदाबाद : बारिश के चलते ब्लाक परिसर में जलजमाव होने से बाल विकास परियोजना कार्यालय व सचिवों के कार्यालय तक आवागमन करना जोखिम भरा हो गया। नगर के डाक बंगला व इंटर कालेज मार्ग पर कीचड़ का अंबार हो गया। नागा बाबा हनुमान मंदिर रोड व जफरपुरा के पास मुख्य सड़क पर जलजमाव के चलते लोग गंदे पानी से होकर आवागमन करने को मजबूर रहे। बारा : गुरुवार की रात हुई मूसलाधार बारिश केकारण गांव के विभिन्न मोहल्ले ताल - तलैया में तब्दील हो गए। कई दुकान व घरों में पानी घुस गया। चौधरी मार्ग, रकबा, जिला पंचायत सड़क पर बाढ़ सा नजारा बन गया।
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सोमवार तक रोहणी नक्षत्र, धान का बीज डालने का उत्तम समय
गहमर : रोहिणी नक्षत्र में अब चंद दिन ही शेष रह गए हैं। ऐसे में किसान धान की नर्सरी तैयार करने को लेकर तेजी से जुट गए हैं ताकि, धान की रोपनी तय समय पर की जा सके। ज्योतिषाचार्य व महंत आकाश राज तिवारीके अनुसार सोमवार की सुबह 6 बजकर 10 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र है। इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य प्रवेश कर जाएंगे। खेतों में धान का बीज डालने का उत्तम समय रोहिणी नक्षत्र ही माना गया है। मृगशिरा नक्षत्र में तेज धूप निकलने से धरती तपती रहती है। इससे इस नक्षत्र में बीज डालना निषेध माना गया है। किसानों के मुताबिक रोहिणी नक्षत्र के धान के बीज की रोपाई समय से हो जाती है, तो खेतों में उत्पादन अच्छा होता है।
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किसानों को धान की नर्सरी डालने के लिए बीज का शोधन काफी जरूरी है। किसान जैविक एवं रसायनिक विधि से बीज का शोधन कर सकते हैं। बीज शोधन से बीज एवं मृदा जनित रोगों से छुटकारा मिल जाता है और फसल काफी बेहतर होती है।
- ओंकार सिंह, फसल सुरक्षा वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, पीजी कालेज।