नदियों को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प
विश्व नदी दिवस पर औड़िहार के गंगा किनारे बाराह घाट.
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : विश्व नदी दिवस पर औड़िहार के गंगा किनारे बाराह घाट एवं गौरी के पर्णकुटी पर गोमती की जलधारा में खड़े होकर लोगों ने नदियों को प्रदूषण मुक्त एवं अविरल निर्मल बहने के लिए हाथों में जल लेकर संकल्प लिया। औड़िहार में परमानंद सरस्वती ने कहा कि नदियों का भारत के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीन काल से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिधु तथा गंगा नदी की घाटी में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं सिधु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आविर्भाव हुआ। व्यापार एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे विकसित होने से नदियों में प्रदूषण फैलने लगा। मैली नदियां अस्तित्व बचाने के लिए कराह रही हैं। सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई गईं लेकिन जब तक नदियों की निर्मलता के लिए जनक्रांति जनसहयोग नहीं होगा तब तक सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिलेंगे।