कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का जाना हाल

्रदेश सरकार के द्वारा कोविड-19 आपदा में अनाथ हुए बच्चों के लिए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 05:32 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 07:00 PM (IST)
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का जाना हाल
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का जाना हाल

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : प्रदेश सरकार के द्वारा कोविड-19 आपदा में अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवायोजना चलाई जा रही है। इस योजना में चयनित लाभार्थी को जागरूक करने के लिए राज्य महिला आयोग की सदस्य शशि मौर्या बुधवार को जनपद के वन स्टाप सेंटर पर पहुंचीं और इस योजना में चयनित बच्चों और उनके स्वजन को योजना में मिलने वाले लाभ के बारे में जागरूक किया।

राज्य महिला आयोग की सदस्य शशि मौर्य ने कहा कि महीने के प्रथम और तीसरे बुधवार को जनपद के दौरे का कार्यक्रम होता है, जिसके क्रम में वह गाजीपुर पहुंचीं। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत मिलने वाले लाभ को लेकर लाभार्थियों के संग बैठक की। बताया कि इस योजना में एक मार्च 2020 के बाद से अनाथ हुए बच्चों को इस योजना का लाभ मिलना है, जिसमें चयनित बच्चों को 4000 रुपये प्रति माह के साथ ही उनके पढ़ाई का खर्च सरकार उठा रही है। इसके अलावा अनाथ हुई बच्चियों जिनकी उम्र 18 के पार है, उनके हाथ पीले कराने के लिए सरकार 1,01,000 रुपये की आर्थिक सहायता दे रही है।

जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल सोनकर ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 18 बच्चों का चयन कर लिया गया है। उन सभी लोगों के खातों में 4000 रुपये प्रति माह के हिसाब से तीन महीने की राशि उनके खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। इसके अलावा 59 लाभार्थियों की फाइल जिला अधिकारी के पास भेजी है, साथ ही 21 लाभार्थियों की फाइल सत्यापन के लिए विभिन्न ब्लाकों पर भेजी गई है। उनके सत्यापन के पश्चात इन सभी के खातों में इस योजना का लाभ भेजा जाएगा। इस योजना से लाभांवित बच्चे की माता मीना गुप्ता ने बताया कि उनके पति की मौत में हो जाने के बाद उनके परिवार के ऊपर आर्थिक परेशानी आना शुरू हो गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री की इस योजना से उनके बच्चे की परवरिश बेहतर तरीके से हो रही है। एक अन्य लाभार्थी वैशाली श्रीवास्तव ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं और जिस दिन सरकार ने इस योजना की शुरुआत की, उसी दिन उनके खाते में दोनों बच्चों को मिलने वाला आर्थिक लाभ आ गया है, जिससे उनके पालन पोषण में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आ रही है। कार्यक्रम में महिला थानाध्यक्ष ममता, वन स्टाप सेंटर की मैनेजर नीतू, बाल संरक्षण अधिकारी गीता श्रीवास्तव के साथ ही महिला शक्ति केंद्र की कार्मिक मौजूद रहीं।

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