अब चलन में आने लगे कपड़े व जूट के थैले

जासं, गाजीपुर : सरकार द्वारा पालीथिन बंदी का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है। आम लोग इसे

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Jul 2018 09:21 PM (IST) Updated:Tue, 17 Jul 2018 09:21 PM (IST)
अब चलन में आने लगे कपड़े व जूट के थैले
अब चलन में आने लगे कपड़े व जूट के थैले

जासं, गाजीपुर : सरकार द्वारा पालीथिन बंदी का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है। आम लोग इसे स्वीकार भी कर रहे हैं और एक दूसरे को इसका प्रयोग न करने की सलाह देते देखे जा रहे हैं। अब बाजार में आधे से अधिक दुकानदार कपड़े व जूट के थैले का प्रयोग करने लगे हैं। प्रशासन सहित नगर पालिका व पंचायत अपने नागरिकों को पालीथिन का प्रयोग न करने को जागरूक कर रहा है। एक-दो दिन में इसके खिलाफ चे¨कग अभियान भी चलाने की तैयारी है। फिलहाल पालीथिन बैन को लेकर जगह-जगह जागरूकता रैली निकाली जा रही है तो कहीं प्रबुद्धजन गोष्ठी भी कर रहे हैं। इसे शुभ संकेत कहा जा सकता है। कपड़े के थैले का होने लगा प्रयोग

सैदपुर : सीएम योगी द्वारा प्रदेश में लगाए गए प्लास्टिक पर बैन का असर दिखना शुरू हो गया है। सड़क के किनारे स्थित ठेलों व दुकानों पर कागज अथवा कपड़ा के थैले का उपयोग करते दुकानदार देखे जा रहे हैं। हालांकि बड़े दुकानदारों द्वारा अब भी मनमाने ढंग से प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है। मंगलवार को प्रशासन द्वारा कोई अभियान नहीं चलाया गया। एसडीएम सत्यम मिश्र ने कहा कि अब कोई भी मानक का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा।

नंदगंज: बाजार में बड़े दुकानदार पालीथिन से दूर होकर पतले कपड़े के थैले का उपयोग करने लगे हैं। छोटे दुकानदार व ठेलावालों पर अभी कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। किराना के थोक व फुटकर विक्रेता चंद्रकांत उर्फ गुड्डू जायसवाल अपने दुकान से फुटकर ग्राहकों को पतले कपड़े के झोले में सामान देने लगे हैं। बताया कि 10 हजार रुपये का पतले कपड़े का झोला लाया हूं। यह बहुत महंगा नहीं है। छोटे दुकानदारों का कहना है कि थोड़ा बहुत बचा है। उसके बाद नहीं लाया जाएगा। ठेला वाले पालीथिन में ही सामानों को बेच रहे हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा पालीथिन को लेकर अब तक कोई रोक-टोक नहीं किया गया। धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा पालीथिन

खानपुर : खानपुर, रामपुर, सिधौना व बिहारीगंज के बाजारों में प्राय: सभी दुकानों पर पालीथिन खरीदे और सामानों को उसी में देते हुये देखा जा सकता है।

जूट के थैले आए चलन में

रेवतीपुर : कुछ दुकानदार जूट के बने थैले का उपयोग कर रहें है लेकिन उसके बदले पांच रुपये अलग से ग्रहकों से मांग कर रहे हैं। नहीं तो अपना थैला लेकर घर से जाना पड़ रहा है। अभी गांव के अंदर व दूर-दराज के दुकानदार प्लास्टिक की थैली का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। जब कि उन्हें पता है कि इस पर रोक है। पालीथिन प्रयोग नहीं करने का लिया संकल्प

गहमर : पर्यावरण के लिए अति हानिकारक और कभी न खत्म होने वाले पालीथिन को देश प्रदेश में पूर्ण रूप से बंदी को लेकर युवाओं और दुकानदारों सहितप्रबुद्धजनों ने अपने कदम बढ़ाए हैं। इसके तहत मंगलवार को क्षेत्र के सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ मां कामाख्या धाम मंदिर परिसर के दुकानदारों को मंदिर समिति के अध्यक्ष जनमेजय ¨सह ने पालीथिन के प्रयोग न करने व लोगों को जागरूक करने के लिए शपथ ग्रहण कराया गया। मंदिर परिसर के सैकड़ों दुकानदारों एवं प्रबुद्धजनों ने भविष्य में पालीथिन का प्रयोग ना करने तथा इसके लिए अन्य लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मंदिर समिति के अध्यक्ष जनमेजय ¨सह ने कहा कि पालीथिन का प्रयोग हमारे और देश के लिए बहुत ही घातक है। इसके अपशिष्ट सदियों-सदियों तक नष्ट नहीं होते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने पूरे परिसर से पालीथिन एकत्र कर एवं अपने दुकान पर रखे पालीथिन को गड्ढे में ले जाकर जलाया। उक्त कार्यक्रममें जरनल ¨सह, मंदिर के महंत आकाश तिवारी, बबुआ उपाध्याय, पप्पू ¨सह, संतोष, सुमित, भरत प्रसाद, अविनाश ¨सह, संतोष ¨सह आदि रहे।

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