डिजिटल सिग्नेचर नहीं तो वित्तीय अधिकार नहीं

जागरण संवाददाता गाजीपुर नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को डिजिटल सिग्नेचर बनवाने के लिए इस बार आनलाइन आवेदन करना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 04:39 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 04:39 PM (IST)
डिजिटल सिग्नेचर नहीं तो वित्तीय अधिकार नहीं
डिजिटल सिग्नेचर नहीं तो वित्तीय अधिकार नहीं

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को डिजिटल सिग्नेचर बनवाने के लिए इस बार आनलाइन आवेदन करना होगा। उनके मोबाइल (वाट्सएप नंबर) पर लिक भेजा जाएगा। इसे खोलकर 35 सेकेंड का वीडियो बनाना होगा। भ्रष्टाचार और धांधली को लेकर अलर्ट शासन द्वारा ग्राम प्रधानों के डिजिटल सिग्नेचर बनाने की प्रक्रिया में इस बार बदलाव किया गया है। पहली बैठक कराकर ग्राम पंचायत का गठन पूरा कर लिया गया। अब उन्हें आन लाइन अपने बारे में पूरी जानकारी देनी होगी।

वीडियो बनाते समय एक हाथ में आधार कार्ड और प्रधानी का सर्टिफिकेट होना जरूरी है। सूचना सही होने पर मोबाइल पर ओटीपी नंबर आएगा, वह भी इसी 35 सेकेंड में टाइप करना होगा। इसमें नाम, ग्राम पंचायत का नाम, जन्मतिथि समेत अन्य सूचनाएं देंगे। इसके बाद ही सिग्नेचर के लिए अर्ह माने जाएंगे।

सात दिन की होगी प्रक्रिया

- डिजिटल सिग्नेचर बनाने की जिम्मेदारी लखनऊ की निजी संस्था को दी गई है। संस्था की ओर से सिग्नेचर तैयार कर पंचायती राज विभाग की वेबसाइट और इसकी जानकारी डाक से संबंधित ग्राम प्रधान को आएगी। लगभग सात दिन की इस प्रक्रिया के बाद प्रधानों को वित्तीय अधिकार मिल पाएंगे। फर्जीवाड़ा रोकने और पारदर्शिता के लिए इस बार प्रक्रिया थोड़ी जटिल कर दी गई है। अधिकारियों का मानना है कि इससे धांधली रुकेगी। - इस बार डिजिटल सिग्नेचर बनवाने के लिए प्रधानों को आनलाइन आवेदन करना होगा। उन्हें 35 सेकेंड के वीडियो में अपने बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। इसके बाद ही प्रधानों को वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार मिलेंगे।

- रमेश चंद्र उपाध्याय, डीपीआरओ।

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