महिला की बजाय पुरुषों के खाते में भेजी धनराशि
जागरण संवाददाता गाजीपुर गांव-गांव में बने सामुदायिक शौचालयों की देखरेख व साफ-सफाई के भुगतान की धनराशि महिलाओं की बजाय सैकड़ों पुरुषों के खातों में भेज दी गई।
अविनाश सिंह
------------
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : गांव-गांव में बने सामुदायिक शौचालयों की देखरेख व साफ-सफाई के भुगतान की धनराशि महिलाओं की बजाय सैकड़ों पुरुषों के खातों में भेज दी गई। मुहम्मदाबाद तहसील के आबादान उर्फ बैरान में तो ग्राम प्रधान के खाते में ही मानदेय के नौ हजार रुपये गए हैं। करतूत पकड़ में आने के बाद डीपीआरओ कार्यालय के कर्मियों के होश उड़े हुए हैं।
दरअसल, शासन की अति महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रत्येक गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को करनी है। इसका मानदेय सीधे उनके खाते में आने हैं। जिले के 1238 ग्राम पंचायतों में 440 बनकर पूर्ण रूप से तैयार होने के दावे किए गए हैं। अब शासन से इनका मानदेय देने का दबाव पड़ा तो आनन-फानन विभाग ने जहां जिसे पाया उसी के खाते में धनराशि भेज दी। मामला पकड़ में आया तो हलचल मची हुई है। डीपीआरओ कार्यालय द्वारा गांवों में स्वयं सहायता समूह का गठन नहीं होने के कारण ऐसा किया जा रहा है या फिर कोई और कारण है यह तो विभाग ही जाने, लेकिन दोनों स्थितियों में ही शासन के नियमों की अनदेखी व अधिकारियों की मनमानी है।
---
इन गांवों में हुई है गड़बड़ी
- मुहम्मदाबाद ब्लाक के सिलाईच में बृजलाल यादव, उत्तमपुर में हंसलाल राम, बलुआटप्पा कठउत में रामनारायण सिंह यादव, भदौरा ब्लाक के अरंगी में सोनू सिंह यादव, बभनौलिया में राम सिंह, देवकली सत्यदेव राय, धनारी में उदय प्रताप, जमानियां के डुहियां में वरुण सिंह यादव, बरेसर में शशिकांत यादव, हेतिमपुर में आजाद सिंह, करमहरी में जितेंद्र राय आदि के खाते में रुपये आए हैं। ऐसे ही करीब-करीब जिले के सभी ब्लाकों में हुआ है। इस तरह की गड़बड़ी हुई है। यह बेहद गंभीर बात है। संबंधित लोगों को एक सप्ताह की मोहलत देते हुए इसे सुधारने को कहा गया है। इसके बाद मामले की पड़ताल कर डीपीआरओ सहित अन्य दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
-मंगला प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी।