माडल पीएम आवास नहीं बना सका डीआरडीए

जासं गाजीपुर इसे कहते हैं चिराग तले अंधेरा। प्रधानमंत्री आवास निर्माण का कार्य समय से पूरा करने के लिए लाभार्थियों पर डंडा चलाने वाला विभाग खुद एक अदद माडल प्रधानमंत्री आवास तक नहीं बनवा पा रहा है। डीआरडीए इस माडल आवास को दिखाकर इस योजना के लाभार्थियों के सामने उदाहरण पेश करना चाहता था लेकिन विकास भवन परिसर में यह माडल पिछले छह महीने से अधूरा पड़ा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Mar 2019 07:21 PM (IST) Updated:Mon, 18 Mar 2019 09:54 PM (IST)
माडल पीएम आवास नहीं बना सका डीआरडीए
माडल पीएम आवास नहीं बना सका डीआरडीए

जासं, गाजीपुर : इसे कहते हैं चिराग तले अंधेरा। प्रधानमंत्री आवास निर्माण का कार्य समय से पूरा करने के लिए लाभार्थियों पर डंडा चलाने वाला विभाग खुद एक अदद माडल प्रधानमंत्री आवास तक नहीं बनवा पा रहा है। डीआरडीए इस माडल आवास को दिखाकर इस योजना के लाभार्थियों के सामने उदाहरण पेश करना चाहता था, लेकिन विकास भवन परिसर में यह माडल पिछले छह महीने से अधूरा पड़ा हुआ है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 1.20 लाख रुपये तीन किस्तों में मिलते हैं। प्रथम किस्त को खर्च करने के बाद द्वितीय किस्त मिलती है और इसे खर्च करने के बाद लाभार्थी को तृतीय किस्त प्रदान की जाती है। बहुत से लाभार्थी पैसा पाने के बाद भी आवास निर्माण में लापरवाही करते हैं या उसे मानक के अनुरूप नहीं बनाते। ऐसे लोगों को आईना दिखाने के लिए डीआरडीए ने खुद एक माडल आवास बनाने की सोची। लगे हाथ इसका निर्माण भी शुरू कर दिया गया। कुछ दिन में ही आवास लिटर तक पहुंच गया। इसके बाद काम रोक दिया गया। ग्रामीण क्षेत्र से लोग आते हैं और उक्त आवास को कौतूहलवश देखते हैं। ऐसे करते-करते छह महीने बीत गए लेकिन अभी तक आवास का निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पाया।

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बिल्डिग मैटेरियल महंगा होने के चलते माडल आवास का काम पूरा नहीं हो सका। आगे जैसे ही मैटेरियल सस्ता होगा, इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इधर, लोकसभा चुनाव के चलते भी मामला फंस रहा है। : विजय प्रकाश वर्मा, परियोजना निदेशक-डीआरडीए।

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