सुहवल में भगवान राम के जन्म का सजीव मंचन, लगे जयकारे

जागरण संवाददाता रेवतीपुर (गाजीपुर) सुहवल गांव स्थित संत श्रीमानदास बाबा के तपोस्थली पर धनुष य

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 05:56 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 05:56 PM (IST)
सुहवल में भगवान राम के जन्म का सजीव मंचन, लगे जयकारे
सुहवल में भगवान राम के जन्म का सजीव मंचन, लगे जयकारे

जागरण संवाददाता, रेवतीपुर (गाजीपुर): सुहवल गांव स्थित संत श्रीमानदास बाबा के तपोस्थली पर धनुष यज्ञ मेला को लेकर नौ दिवसीय रामचरित मानस कथा महायज्ञ के चौथे दिन गुरुवार की देर शाम कलाकारों ने भगवान राम जन्म का सजीव मंचन कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। कथा वाचक प्रीति उपाध्याय ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। कहा कि जब-जब धरती पर आसुरी शक्तियों का जन्म होता है तो भगवान अवतार लेकर उनका संहार करते हैं। विष्णु के अवतार के रूप में राम ने आसुरी शक्तियों के विनाश के लिए राजा दशरथ के घर जन्म लिया था। प्रभु श्रीराम जैसा लोक व्यवहार और ज्ञाता इस धरती पर आज तक कोई नहीं हुआ। राम के लिए राज्य छोड़कर जंगल जाने का वरदान मांगने वाली कैकेयी के प्रति राम के मन में कभी कोई दुर्भाव नहीं रहा। उनका जीवन मानवीय मूल्यों की सीख देता है। उन्होंने कहा कि प्रभु की भावना हमेशा सर्वश्रेष्ठ रही। प्रभु की उदारता का बखान करते हुए कहा कि वे दीनबंधु हैं। उनकी उदारता को हमें आत्मसात करना चाहिए। कहा कि रावण का संहार करना मुश्किल काम था, लेकिन भगवान ने ²ढ़ इच्छाशक्ति के बल पर न केवल रावण का संहार किया बल्कि आसुरी शक्तियों का समूल नाश किया।

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