ससुराल में पेड़ से लटकता मिला कलाम का शव, हत्या की आशंका
जागरण संवाददाता बहरियाबाद (गाजीपुर) स्थानीय थाना क्षेत्र के चकफरीद गांव के कुटिया स्थित क ब्रिस्तान की झाड़ियों में कलाम का शव पेड़ से लटकता मिला।
जागरण संवाददाता, बहरियाबाद (गाजीपुर) : स्थानीय थाना क्षेत्र के चकफरीद गांव के कुटिया स्थित कब्रिस्तान की झाड़ियों में शुक्रवार की सुबह संदिग्ध परिस्थिति में जंगली पेड़ से लटकता कासिमाबाद के कस्बा बहादुरगंज निवासी कलाम कुरैशी का शव मिला। परिस्थितियों को देखते हुए लोगों ने हत्या की आशंका जताई। सूचना पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने साक्ष्यों की पड़ताल की। मृत कुरैशी के साले मुस्तफा ने आत्महत्या की तहरीर दी। पुलिस कुछ लोगों से पूछताछ करते हुए हर पहलु की पड़ताल कर रही है।
कलाम विगत पांच वर्षों से बहरियाबाद थाना क्षेत्र के चकफरीद गांव स्थित अपनी ससुराल में रहकर जानवरों की खरीद फरोख्त का काम करता था। बीच-बीच में वह कस्बा बहादुरगंज स्थित अपने घर भी जाता रहता था। लगभग 10 दिन पहले वह अपने घर चाचा के लड़के की शादी में शामिल हो कर वापस आया था। फिर तीन दिनों से वह ससुराल से निकला था। गुरुवार को साला मुस्तफा ने उसकी खोजबीन भी की, लेकिन पता नहीं चला। इसके बाद घर से लगभग 150 मीटर दूर कुटिया स्थित कब्रिस्तान की झाड़ियों में पेड़ की डाल से लगभग ढाई फीट ऊपर कार्टून बांधने वाली प्लास्टिक की रस्सी के फंदे के सहारे जमीन पर उसका शव मिला। मृतक के साले मुस्तफा कुरैशी ने थाने जाकर पुलिस को सूचना दी। बताया कि कुरैशी ने बहादुरगंज की अपने हिस्से की जमीन को अपने भाई को बेच दी थी। हालांकि उसका किसी से कोई विवाद नहीं था।
कलाम की संदिग्ध मौत के बाद घटनास्थल पर पहुंचे लोगों में यह चर्चा रही कि कहीं अन्यत्र हत्या कर शव को झाड़ी में लाकर जल्दबाजी में छोटे से पेड़ की डाल से लटका दिया गया है। जिस ढंग से शरीर का आधे से अधिक भाग जमीन पर पड़ा हुआ था। शेष भाग गले में लगे फंदे के सहारे पेड़ की डाली से लटका हुआ था, यह स्थिति दर्शाती है कि ऐसे आत्महत्या नहीं की जा सकती। दोनों पैर व हाथ में और कमर के हिस्से में खरोंच के निशान से खून रिसा हुआ था। गूंगी आसमां से की थी दूसरी शादी, पहली से हो चुका था तलाक
कुरैशी की शादी लगभग 10 वर्ष पूर्व मुस्तफा कुरैशी की गूंगी बहन आसमां बेगम के साथ हुई थी। आसमां से कलाम की यह दूसरी शादी थी। तलाक के बाद उसकी पहली पत्नी व बच्चे बहादुरगंज में ही किराए के मकान में अलग रहते हैं। आसमां से कोई औलाद नहीं थी। कलाम ससुराल वाले घर में ही पत्नी के साथ रहकर अलग रहता था। पंचायत चुनाव के दौरान कुछ दिनों के लिए मृतक चकफरीद बस्ती में किराए के मकान मे अकेले रहता था। चुनाव के बाद वह फिर ससुराल में आकर रहने लगा था।
मुस्तफा की तहरीर पर आत्महत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
-संजय कुमार मिश्रा, थानाध्यक्ष।