कजरी तीज आज, तैयारी में जुटी महिलाएं
जागरण संवाददाता खानपुर (गाजीपुर) सावन के बाद भाद्रपद का महीना सुहागिन महिलाओं और युवति
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : सावन के बाद भाद्रपद का महीना सुहागिन महिलाओं और युवतियों के लिए खास होता है। इस महीने में पति के मंगलकामना सहित सुंदर वर के लिए कई तरह से पूजापाठ किया जाता है। उन्ही में एक है कजरी तीज जो गुरुवार को मनाया जाएगा। ग्रामीण अंचल की नव विवाहिता और युवतियां दो दिन पूर्व से तैयारी में लग गयी हैं। श्रृंगार के लिए खुद अपने हाथों से मेहंदी की पत्ती चुन रही है और प्रसाद बनाने के लिए गेहूं, जौ, चना, गुड़ और घी की मिठाई बना रही हैं। मायके आई विवाहिताओं का समूह कजरी गीत गाते हुए लोगों के घरों में जाकर भाभियों और अन्य महिलाओं के साथ ढोल मंजीरे पर कजरी की तान छेड़ता है 'पिया मासक अवरू हेलमेट लगाई के, जइहा बच बचाई के ना। केहुसे हाथ मत मिलाया, केहूकै दिहल मत खाया। हाथ धोया सेनिटाइजर लगाईके। जइहा बच बचाई के ना। रखिहा दुई गज क दूरी, ई त बाटे बहुत जरूरी, पिहा काढा गिलोय के पकाई के। जइहा बच बचाई के ना। सर्दी चाहे हो जुखाम, बात समझा मत आम, जाया डाक्टर से टम्परेचर नपाई के। जइहा बच बचाई के ना।' कजरी तीज मनाने के लिए महिलाएं मेहंदी, सुहाग और पूरे साज श्रृंगार के साथ पकवान बनाकर शिवपार्वती सहित विष्णु भगवान की पूजा करतीं है। सास-श्वसुर की सेवा और सम्मान कर उन्हें सुंदर पति देने के लिए आभार व्यक्त करतीं है। दिन भर निर्जला व्रत रहकर महिलाएं रात में चंद्रमा को अर्ध्य देकर व्रत तोड़ती हैं।