मुहब्बत व भाइचारे का सबक देता है इस्लाम

क्षेत्र के बारा गांव स्थित हाजी साहब वाली मस्जिद में रविवार की रात जश्न-ए-ईद-ए-मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:16 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:16 PM (IST)
मुहब्बत व भाइचारे का सबक देता है इस्लाम
मुहब्बत व भाइचारे का सबक देता है इस्लाम

जागरण संवाददाता, भदौरा (गाजीपुर) : क्षेत्र के बारा गांव स्थित हाजी साहब वाली मस्जिद में रविवार की रात जश्न-ए-ईद-ए-मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित जलसे में उलेमा-ए-कराम ने अच्छाइयों पर अमल करने की नसीहत दी। उलेमा-ए-कराम ने कहा कि नबी की सुन्नत पर अमल करने वाला हर जगह कामयाब होता है। धावां शरीफ से आए मुख्य वक्ता मौलाना अमीरुद्दीन ने कहा कि अल्लाह ने नबी को पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा था, ताकि दुनिया से बुराइयों का खात्मा किया जा सके। मौलाना ने कहा कि मेरे नबी 1400 साल पहले आतंकवाद को खत्म कर इंसानियत (मानवता) का पाठ पढ़ाया था। इससे पहले मौलाना नूर मोहम्मद नूरी ने नबी की सीरत बयान कर लोगों को अखलाक व मुहब्बत के साथ जिदगी बिताने का पाठ पढ़ाया। दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसा गौसिया के प्रिसिपल मौलाना कलीमुद्दीन शम्सी ने कहा कि इस्लाम की बुनियाद इमान पर कायम है। संचालन हाफिज जाकिर ने किया। इस मौके पर सैयद अख्तर हुसैन, सूफी बारीक, सैयद मुस्तफा, मंजूर खां, खालिद खां आदि थे।

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