मछली माफिया का प्रभाव, बेबस बलिया प्रशासन

मंगई नदी में लगे जाल से अभी तक किसानों का पूर्ण छुटकारा नहीं मिल पाया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:41 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:41 PM (IST)
मछली माफिया का प्रभाव, बेबस बलिया प्रशासन
मछली माफिया का प्रभाव, बेबस बलिया प्रशासन

जागरण संवाददाता, लौवाडीह (गाजीपुर) : मंगई नदी में लगे जाल से अभी तक किसानों का पूर्ण छुटकारा नहीं मिल पाया है। बलिया प्रशासन ने कार्रवाई के नाम पर कुछ जाल काटकर खानापूर्ति की है। ऐसे में मंगई के पानी घटने की रफ्तार काफी कम है। किसानों ने चेताया है कि यदि तीन दिनों में जाल नहीं हटाया गया, तो वे धरने पर बैठेंगे और चक्काजाम करेंगे।

मंगई नदी से जलभराव की समस्या चार वर्षों से है। इसकी शुरुआत महेंद से हुई थी, जब नदी में ही कंक्रीट टीनशेड और बोरी में बालू भरकर दीवार खड़ी कर दी जाती थी। हालांकि क्षेत्र के किसानों, दैनिक जागरण के अभियान के बाद प्रशासन की कार्रवाई से वहां जाल लगना बंद हो गया। अब जिले के सोनवानी और बलिया दौलतपुर में दबंग लोग जाल लगा रहे हैं उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। प्रतिदिन लाखों रुपये का होता है कारोबार

नदी में लगने वाला जाल काफी मजबूत होता है जिसे काटना भी मुश्किल होता है। एक जाल को लगाने में अस्सी हजार रुपये तक की लागत आती है। बताया यह भी जा रहा है कि यहां प्रतिदिन लाखों रुपये का मछली का कारोबार होता है।

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पिछले वर्ष किसानों पर हुआ था हमला

: प्रशासन द्वारा इस मामले पर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो यह मामला बड़ा रूप ले सकता है। इस पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को गंभीरता से विचार करना चाहिए। पिछले वर्ष जाल काटने गए किसानों पर हमला भी हो चुका है। हाईकोर्ट ने भी सितंबर और अक्टूबर माह में जाल लगाने और शारदा नहर द्वारा पानी छोड़ने से मना किया है।

रबी की बोआई पर संकट

: बलिया के दौलतपुर में जाल लगा देने के कारण पानी का धार वहीं रुक जाता है। इस कारण पानी आगे जाने के बजाए खेतों में फैल गया है। वहीं पिछले दिनों हुए मूसलधार बारिश के कारण अचानक पानी बढ़ गया और लौवाडीह, जोगामुसाहिब, मूर्तजीपुर, खेमपुर, रघुवरगंज, परसा, सियाड़ी, मसौनी, देवरिया, करीमुद्दीनपुर, लट्ठूडीह, गोंड़उर, महेन्द, सियाड़ी पारो, सरदरपुर सहित कई गांव की धान की फसल चौपट हो गईं। पानी जमा होने के कारण रबी की बोआई पर भी संकट छा गया है। इससे करीब 20 हजार बीघा खेती प्रभावित हो रही है।

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