बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर, बढ़ने लगी धुकधुकी
गाजीपुर गंगा के तटवर्ती इलाकों में रहने वालों की गंगा के चढ़ने के साथ ही धुकधुकी बढ़ने लगी है। गंगा का जलस्तर दो घंटा प्रति सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही लोग फिर एक बार बाढ़ के भय से दो-चार होने लगे हैं। उधर गोमती का जलस्तर भी बढ़ने लगा है जिसे लेकर आसपास के रहने वाले बाढ़ से बचाव की तैयारी में जुटने लगे हैं।
जासं, गाजीपुर : गंगा के तटवर्ती इलाकों में रहने वालों की गंगा के चढ़ने के साथ ही धुकधुकी बढ़ने लगी है। गंगा का जलस्तर दो घंटा प्रति सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही लोग फिर एक बार बाढ़ के भय से दो-चार होने लगे हैं। उधर, गोमती का जलस्तर भी रफ्तार पर है। इसे लेकर आसपास के रहने वाले बाढ़ से बचाव की तैयारी में जुटने लगे हैं।
जून में लगातार हुई बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। हालांकि जलस्तर अभी काफी नीचे है लेकिन गंगा की रफ्तार को लेकर लोगों में भय पैदा हो गया है। वहीं तटवर्ती खेतों में टमाटर, परवल आदि की खेती करने वालों के माथे पर चिता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं। उधर, पुरैना, सेमरा, बच्छल का पूरा आदि क्षेत्रों में कटान को लेकर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के प्रभारी हसनैन ने बताया कि गंगा का जलस्तर शाम चार बजे तक 54.570 मीटर रिकार्ड किया गया है।
-
डूबने लगे पाट, गोमती में बढ़ोतरी
खानपुर : मानसूनी बारिश से गोमती नदी के जलस्तर में वृद्धि और लहरों में तेजी आ गयी है। खरौना और गौरहट के मछुआरों ने बताया कि गोमती के जल में प्रतिदिन लगभग आधा फीट की बढ़ोतरी हो रही है। सिधौना और अमेहता में गोमती किनारे के सब्जी उत्पादकों के अनुसार पानी के बढ़ने का क्रम जारी है। नाविकों सहित मछुआरों और तराई इलाकों में सब्जी की खेती करने वालों में अफरा-तफरी है। अपने फसलों और नावों को सुबह शाम आगे बढ़ाना पड़ रहा है। लाकडाउन काल में नदियों के निर्मल जल को बारिश और बाढ़ ने एक बार फिर मटमैला कर दिया है। गोमती के जल में जलकुंभी का बढ़ाव और बहाव तेजी से हो रहा है। नदियों किनारे धोबी घाटों पर प्रतिदिन सुबह शाम धोबियों के पाट डूब जाने से कपड़ों की धुलाई प्रभावित हो रही है।